नई दिल्ली। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी गुरुवार को मुंबई में येस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और अन्य के खिलाफ धन-शोधन मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अनुमान है कि जांच एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 60 वर्षीय अंबानी का बयान दर्ज करेगी। बताया जाता है कि अंबानी की नौ समूह कंपनियों ने येस बैंक से लगभग 12,800 करोड़ रुपए का ऋण लिया था, जो तथाकथित रूप से एनपीए हो गया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने येस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ शुरू की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को भी समन भेजा था। अधिकारियों ने बताया कि अंबानी को सोमवार को ईडी के मुंबई स्थित कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन तब उन्होंने आने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद ईडी ने नया समन जारी कर उन्हें 19 मार्च को आने के लिए कहा था। सूत्रों ने बताया कि अनिल अंबानी की कंपनियां उन बड़ी इकाइयों में शामिल हैं, जिन्होंने येस बैंक से ऋण लिया था और बाद में वह एनपीए घोषित किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अनिल अंबानी ग्रुप, एस्सल ग्रुप, आईएलएफएस, डीएचएफअल और वोडाफोन आदि ने येस बैंक से लोन लिया और यह सभी एनपीए हो गए। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि बड़ी कंपनियों के सभी प्रवर्तकों, जिन्होंने येस बैंक से लोन लिया और बाद में वह एनपीए हो गया, को पूछताछ के लिए समन भेजा गया है ताकि इस जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
अंबानी जब भी ईडी दफ्तर पहुंचेंगे तब उनके बयान मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान किए जाएंगे। येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ईडी की कस्टडी में हैं। ईडी ने उन्हें इस माह की शुरुआत में गिरफ्तार किया था। ईडी ने कपूर, उनके परिवार के सदसें और अन्य को 4300 करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले में आरोपी बनाया है।