नई दिल्ली। खनन एवं धातु क्षेत्र के उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने एंग्लो अमेरिकन कंपनी में अपनी करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है। एंग्लो अमेरिकन हीरों के ब्रांड डी बीयर्स को नियंत्रित करती है।
अग्रवाल दो साल पहले ही इस कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक बने थे। उन्होंने मार्च 2017 में जेपी मॉर्गन के बाध्यकारी परिवर्तनीय बांड के जरिये एंग्लो अमेरिकन के शेयरों की खरीदारी की शुरुआत की थी। उन्होंने सितंबर 2017 में दूसरी खेप की खरीदारी की। इससे उनकी कुल हिस्सेदारी 19.30 प्रतिशत पर पहुंच गई।
ये बांड अगले साल मार्च में परिपक्व होने वाले थे लेकिन अग्रवाल ने उससे पहले ही इसे बेचने तथा मुनाफा कमाने का निर्णय लिया। ऐसा माना जा रहा है इससे उन्हें करीब 50 करोड़ डॉलर की कमाई हुई है। अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि एंग्लो अमेरिकन मजबूत निदेशक मंडल और प्रबंधन की टीम के साथ ही शानदार संपत्तियों वाली कंपनी है।
इसमें अग्रवाल परिवार के न्यास वोल्कन्स का शुरुआती निवेश एक आकर्षक वित्तीय निवेश है। हालांकि इस मामले में हमारा लक्ष्य अनुमानित समय से पहले ही हासिल हो गया।
वोल्कन के निवेश के बाद से एंग्लो अमेरिकन के शेयर का भाव करीब दोगुना हो चुका है। इससे सभी निवेशकों को शानदार कमाई हुई है। वेदांता लिमिटेड ने अलग से जारी एक बयान में कहा कि उसकी विदेशी अनुषंगी केयर्न इंडिया होल्डिंग्स लिमिटेड एंग्लो अमेरिकन में अपने निवेश की बिक्री करेगी।