नई दिल्ली। लंबे समय से ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइन्स के कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं देने का मुद्दा कंपनी के चेयरमैन विजय माल्या के समक्ष एक बार फिर आ खड़ा हुआ है। कंपनी के कर्मचारियों ने एक खुले पत्र में माल्या पर देश की छवि विशेषकर विमानन उद्योग की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। किंगफिशर एयरलाइन्स के एक तत्कालीन कर्मचारी की पत्नी ने अपने पति को वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के चलते पैदा हुए वित्तीय तनाव को लेकर 4 अक्तूबर, 2012 को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
कर्मचारियों ने खुले पत्र में कहा है, हम आपकी उदासीनता की वजह से निरंतर पीड़ा और तनाव में रहे हैं। हालांकि, किंगफिशर एयरलाइन्स के बारे में आपको कोई पछतावा नहीं होने की टिप्पणी से हमें अधिक पीड़ा हुई है। हमारे लिए किंगफिशर एयरलाइन्स का अस्तित्व अब भी है क्योंकि हम अब भी बिना वेतन के पेरोल पर है, भले ही हमें आपसे कंपनी के पुनरद्धार को लेकर आश्वासन मिलने के बाद वेतन के संबंध में आपसे कभी कोई सूचना नहीं मिली। उल्लेखनीय है कि माल्या ने हाल ही में कहा था, मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे केवल इस बात का अफसोस है कि जब तेल की कीमतें इतने निचले स्तर पर हैं, किंगफिशर एयरलाइन्स उड़ान नहीं भर रही।
यह भी पढ़ें – डीआरटी ने एसबीआई की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
इससे पहले शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्ज का भुगतान नहीं करने को लेकर शराब कारोबारी विजय माल्या को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने माल्या की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त करने की मांग वाली एसबीआई सहित विभिन्न बैंकरों की याचिका पर माल्या, उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस और नौ अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की ओर से नोटिस ऐसे समय जारी किया गया जब कर्ज वसूली अधिकरण ने भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दायर चार में से एक आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। एसबीआई सहित 13 बैंकरों ने ने माल्या की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त करने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।