नई दिल्ली। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लि. (जीसीएमएमएफ) ने अगले दो साल में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। जीसीएमएमएफ अमूल ब्रांड नाम से उत्पाद बेचती है। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि कंपनी अगले दो साल में प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा 500 करोड़ रुपये नए उत्पादों मसलन खाद्य तेल की सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे। सोढ़ी ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि जीसीएमएमएफ को चालू वित्त वर्ष में राजस्व में 12 से 15 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। बीते वित्त वर्ष में कंपनी की आमदनी 38,550 करोड़ रुपये रही थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद में हमें आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि ब्रांडेड खाद्य उत्पादों की मांग में इजाफा हुआ है। सोढ़ी ने बताया कि कंपनी अगले दो साल में विभिन्न राज्यों में डेयरी संयंत्र स्थापित करने पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
उन्होंने कहा कि हम अपनी प्रसंस्करण क्षमता को 380 लाख लीटर लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 420 लाख लीटर प्रतिदिन करेंगे। नए कारोबार के बारे में सोढ़ी ने कहा कि अमूल ने मिठाई का विनिर्माण शुरू कर दिया है। इसके लिए बेकरी उत्पादों का उत्पादन भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि जीसीएमएमएफ खाद्य तेल और आलू प्रसंस्करण खंड में भी उतर गई है। इसके पीछे मकसद गुजरात और अन्य राज्यों के किसानों की आय बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल का विपणन नए ब्रांड ‘जन्मय’ के नाम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत मूंगफली तेल, बिनौला तेल, सूरजमुखी तेल, सरसों तेल और सोयाबीन तेल का उत्पादन किया जाएगा। सोढ़ी ने कहा, ‘‘खाद्य तेल, बेकरी और आलू प्रसंस्करण के लिए हमारे पास पहले से कुछ संयंत्र हैं। हम अगले दो साल में नए संयंत्र स्थापित करने पर 400 से 500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।’’