नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं की तुलना में भारतीय उपभोक्ता अपने ब्रांड से ज्यादा जुड़े रहते हैं। हवास मीडिया के ताजा सर्वे के मुताबिक 2015 में फूड और डेयरी ब्रांड अमूल भारत का सबसे अर्थपूर्ण ब्रांड है। इसने यह स्थान भारत की ही जीवन बीमा कंपनी एलआईसी से छीना है। 2013 की लिस्ट में एलआईसी पहले स्थान पर था। कैडबरी ने एक स्थान की वृद्धि हासिल की है और इस लिस्ट में इसे दूसरा स्थान मिला है। तीसरे स्थान पर इस बार गूगल ने अपनी एंट्री की है। गूगल को छह साल बाद इस लिस्ट में जगह मिली है। सबसे पहला सर्वे छह साल पहले जारी किया गया था।
हवास मीडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित जोशी ने कहा कि देश और वैश्विक स्तर पर हर साल नए ब्रांड इस लिस्ट में जोड़े जाते हैं। 2015 की यह लिस्ट कुछ निराश करने वाली भी है। इस साल इस लिस्ट में से भारत के बहुत विश्वसनीय और मजबूत ब्रांड जैसे टाटा और यूनीलिवर इस लिस्ट से बाहर निकल गए हैं। इस बार लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट, सैमसंग, एचपी और गूगल को शामिल किया गया है।
रोचक बात यह है कि 2013 और 2015 की लिस्ट में टॉप स्पॉट भारतीय ब्रांड के ही पास रहा है। 2013 की लिस्ट में एलआईसी टॉप पर था। 2015 की लिस्ट में अमूल टॉप पर है। इस साल की लिस्ट में एलआईसी पांचवें पाएदान पर आ गया है। टॉप 5 में से तीन फूड ब्रांड हैं। आईटी कंपनियों इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और एचपी भी इस लिस्ट में हैं। सैमसंग, जो वैश्विक सूची में पहले स्थान पर है लेकिन भारत में यह दसवें नंबर पर है।