नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के दौरान एम्बूलेंस संचालक फायदा उठाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कोविड-19 मरीजों को 10 से 15 किलोमीटर की छोटी दूरी के लिए 10 हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं। हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने एम्बूलेंश शुल्क को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं, हालांकि जहां सरकार ने शुल्क तय किए हैं वहां भी मरीजों से अधिक पैसे वसूलने के मामले सामने आ रहे हैं।
मुंबई में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच जून अंत में ऐसे कई मामले देखने को मिले जहां मरीजों से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी के लिए 30,000 रुपए तक एम्बूलेंस संचालकों ने वसूले। पुणे में जून के अंतिम सप्ताह में एक कोविड-19 मरीज से 7 किलोमीटर के लिए 8,000 रुपए वसूले गए।
हैदराबाद में कोरोना से पहले 5 किलोमीटर तक के लिए एम्बूलेंस का शुल्क 80 से 120 रुपए प्रति किलोमीटर और शहर से बाहर के लिए 25 से 40 रुपए प्रति किलोमीटर था। यह शुल्क अब बढ़कर शहर में ही 10 किलोमीटर तक के लिए 5000 से 10,000 रुपए और शहर से बाहर के लिए 30 से 60 रुपए प्रति किलोमीटर है।
कोलकाता में कोविड मरीजों को ले जाने के लिए एम्बूलेंस 5 किलोमीटर के लिए 6000 से 8000 रुपए वसूल रहे हैं। चंडीगढ़ में कोविड-19 से पहले बेसिक एम्बूलेंस का शुल्क 250 से 400 रुपए और एडवांस्ड लाइफ सपोर्टिंग एम्बूलेंस के लिए 1500 रुपए था। अब मोहाली, पंचकूला और चंडीगढ़ में बेसिक एम्बूलेंस का किराया 600 से 800 रुपए और एडवांस्ड लाइफ सपोर्टिंग एम्बूलेंस का किराया 2500 रुपए है।
झारखंड में कोविड-19 से पहले 10 किलोमीटर तक के लिए 500 रुपए किराया था। लंबी दूरी के लिए किराया 10 रुपए प्रति किमी था। अब यहां 10 किलोमीटर तक के लिए 900 रुपए और लंबी दूरी के लिए 13 रुपए प्रति किमी की दर से शुल्क वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश में कोविड काल से पहले एम्बूलेंस का किराया 10 रुपए प्रति किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 13 रुपए प्रति किलोमीटर हो गया है।