नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी ने सोमवार को सरकार से डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नए विनियमों को तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दशकों में विभिन्न देशों के बीच डिजिटल पूंजी हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा तेज होगी। अंबानी डेटा के राष्ट्रीयकरण की पैरोकारी करते रहे हैं। उन्होंने कहा भारत के पास कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित विकास के लिए विशाल डिजिटल पूंजी के उपयोग का अनूठा लाभ है। यह विकास नीचे से ऊपर की ओर और समावेशी होगा।
अंबानी ने रेज 2020 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि समय अनुकूल है और आईआई के क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेता बनाने के लिए साधन तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि सरकार इस राष्ट्रीय संसाधन की सुरक्षा और डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर डेटा विनियमन ढांचा तैयार करेगी। उन्होंने मोबाइल डेटा खपत में भारत की वैश्विक बढ़त का हवाला देते हुए कहा कि भारतनेट पहल और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से पूरे भारत में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया जा रहा है। अंबानी ने कहा कि देश के पास अग्रणी डिजिटल समाज बनने के लिए सभी जरूरी तत्व उपलब्ध हैं। उन्होंने डेटा को एआई के लिेए कच्चा माल बताया और साथ ही कहा कि डेटा एक डिजिटल पूंजी और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संसाधन है।
कृत्रिम मेधा को आतंकवादी संगठनों का हथियार बनाए जाने से रोकने की जरूरत: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृत्रिम मेधा का जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवादी संगठनों या राज्य से भिन्न तरीके से चलने वाले तत्वों द्वारा कृत्रिम मेधा के शस्त्रीकरण से दुनिया की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कृत्रिम मेधा (एआई) पर आयोजित शिखर सम्मेलन रेज 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि मशीनी मेधा के इस्तेमाल के लिए जवाबदेही के साथ ही पारदर्शिता भी महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में काम कर रहा है और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए एआई पर आधारित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कृषि, अगली पीढ़ी के शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और आपदा प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत बनाने में एआई की बड़ी भूमिका है। इस सम्मेलन का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने कहा कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि यह भरोसा पैदा करें कि एआई का किस तरह इस्तेमाल हो रहा है। भरोसा कायम करने के लिए एल्गोरिदम में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है। हमें राज्य से भिन्न तरीके से चलने वाले तत्वों या संगठनों (आतंकी तत्वों) द्वारा कृत्रिम मेधा के शस्त्रीकरण से दुनिया की रक्षा करनी ही चाहिए।
मोदी ने कहा कि भारत में हमने अनुभव किया है कि प्रौद्योगिकी से पारदर्शिता, सेवाओं की आपूर्ति में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंक खातों को बायोमेट्रिक पहचान से जोड़कर लोगों तक योजनाओं का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े विशिष्ट पहचान कार्यक्रम- आधार और दुनिया की सर्वाधिक नवाचारी भुगतान प्रणाली- यूपीआई के साथ वित्तीय सेवाओं की गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुंच हुई है।
बयान के अनुसार रेज 2020 का आयोजन पांच अक्ट्रबर से नौ अक्टूबर तक होगा। इसमें महामारी से निपटने की तैयारी में एआई का उपयोग, समावेशी एआई और सफल नवप्रवर्तन के लिये भागीदारी जैसे विषयों पर विशेषज्ञ अपनी बातें रखेंगे और परिचर्चा होगी।