नई दिल्ली। अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने वर्ष 2018-20 के दौरान भारत में अपनी मौजूदगी को बनाए रखने के लिए कानूनी गतिविधियों पर 8,546 करोड़ रुपये (1.2 अरब डॉलर) खर्च किए हैं। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कंपनी द्वारा भारत स्थित उसके कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा कथित रूप से रिश्वत दिए जाने के मामले की जांच किए जाने की रिपोर्टों के बीच यह जानकारी सामने आई है।
सूत्रों ने बताया कि अमेजन की छह इकाइयों अमेजन इंडिया लि.(होल्डिंग कंपनी), अमेजन रिटेल इंडिया प्राइवेट लि., अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लि., अमेजन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लि., अमेजन होलसेल (इंडिया) प्राइवेट लि. और अमेजन इंटरनेट सर्विसेज प्राइवेट लि.(एडब्ल्यूएस) ने 2018-19 में कानूनी शुल्क के रूप में 3,420 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं 2019-20 में कंपनी ने 5,126 करोड़ रुपये कानूनी मामलों पर खर्च किए।
अमेजन फ्यूचर समूह के अधिग्रहण के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई में उलझी है। इसके अलावा वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच का भी सामना कर रही है। हालांकि, कंपनी ने विधि शुल्क के मुद्दे पर कुछ कहने से इनकार किया।
अमेजन दे रही है अधिकारियों को रिश्वत: कैट
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दावा किया है कि अमेजन राजस्व का 20 प्रतिशत वकीलों पर खर्च कर रही है, जिसपर सवालिया निशान खड़ा होता है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा कि जिस तरीके से अमेजन और उसकी अनुषंगियां विधि पेशेवरों के शुल्क पर खर्च कर रही हैं, उससे पता चलता है कि कंपनी किस तरीके से अपनी वित्तीय ताकत का दुरुपयोग कर भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दे रही है। हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
अपने राजस्व का 20 प्रतिशत वकीलों पर खर्च करती है कंपनी: खंडलेवाल
खंडेलवाल ने एक बयान में दावा किया कि अमेजन ने 2018-20 के दौरान कानूनी पेशेवरों को शुल्क भुगतान के लिए 8,500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की। इन दो साल में कंपनी का कारोबार 45,000 करोड़ रुपये रहा। उन्होंने कहा कि जो कंपनी पूरी दुनिया में अपने कुल राजस्व का 20 प्रतिशत हिस्सा अपने कारोबार को बनाए रखने के लिए वकीलों पर खर्च करती हो और हर साल घाटा सहती हो, इसका ताजा उदाहरण अमेजन है।
अमेजन ने अपने वकीलों की शुरू की जांच
सोमवार को ‘मॉर्निंग कन्टेक्स्ट’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेजन ने कथित रूप से भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में अपने कुछ विधि प्रतिनिधियों की जांच शुरू की है। कंपनी के वरिष्ठ कॉरपोरेट वकील को इस मामले में छुट्टी पर भेज दिया गया है।
अनुचित कार्रवाई के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं: अमेजन
अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने कहा कि वह अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेती है और उचित कार्रवाई करने के लिए उनकी पूरी जांच करती है। कंपनी ने आरोपों की पुष्टि या खंडन किए बिना कहा कि वह भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती है। अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते। हम अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी पूरी जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं। हम इस समय किसी खास आरोप या किसी भी जांच की स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: सोने को लेकर आई खुशखबरी, कीमतों में आई फिर गिरावट
यह भी पढ़ें:गौतम अडानी ने मुकेश अंबानी को छोड़ा पीछे
यह भी पढ़ें: Tata Motors अगले महीने बढ़ाने जा रही है दाम
यह भी पढ़ें: Festive Offer: नहीं मिलेगा इससे सस्ता होम लोन, बैंकों ने लगाई ऑफर्स की झड़ी
यह भी पढ़ें: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया भारत की पहली फ्लाइंग कार का मॉडल पेश, आसमान में उड़ते हुए जल्द आएगी नजर