नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया (Amazon India) ने मंगलवार को गुजरात से ई-कॉमर्स निर्यात बढ़ाने में मदद के लिए राज्य सरकार के उद्योग एवं खान विभाग के साथ एक समझौता किया है। देशभर के व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए गुजरात सरकार की आलोचना की है।
अमेजन ने एक बयान में कहा कि एमओयू (सहमति पत्र) के तहत कंपनी राज्य के एमएसएमई को अमेजन ग्लोबल सेलिंग पर प्रशिक्षित करेगी, जिससे वे 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में करोड़ों अमेजन ग्राहकों को अपने उत्पाद बेच सकेंगे। अमेजन ग्लोबल सेलिंग कंपनियों को उसके ई-कॉमर्स मंच का उपयोग करके वैश्विक स्तर पर अपने ब्रांड पेश करने में मदद करता है। बयान में कहा गया कि अमेजन अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, भरूच और राजकोट जैसे शहरों के छोटे तथा मझोले निर्यातकों के लिए प्रशिक्षण, वेबिनार और ऑनबोर्डिंग कार्यशालाएं आयोजित करेगा।
गुजरात को मिलेगी 17 विदेशी बाजारों में पहुंच
अमेजन ने कहा कि इस पहल के जरिए गुजरात के निर्यातकों को उसके 17 विदेशी बाजारों के माध्यम से दुनिया भर में 30 करोड़ से अधिक ग्राहकों तक पहुंच मिलेगी। गुजरात में रत्न और आभूषण, परिधान और वस्त्र तथा हस्तशिल्प क्षेत्र ऐसे हैं, जहां लाखों एमएसएमई काम कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकताओं में गुजरात से निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है और अमेजन के साथ इस साझेदारी के जरिये गुजरात के लाखों एमएसएमई को सशक्त बनाया जाएगा।
कैट ने किया इसका विरोध
कैट ने आरोप लगाया कि अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों में शामिल है। कैट ने एक बयान में कहा कि गुजरात सरकार द्वारा एक कानून तोड़ने वाली कंपनी के साथ हाथ मिलाने से गुजरात के व्यापारियों के अलावा देश भर के व्यापारी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कैट इस तरह के एमओयू का विरोध करेगा।
जेपी नड्डा के समक्ष रखा जाएगा मामला
व्यापारी संगठन ने कहा कि एक तरफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियां अमेजन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहारों और ई-कॉमर्स नियमों के उल्लंघन के लिए जांच कर रहे हैं और दूसरी ओर गुजरात सरकार उनके साथ हाथ मिला रही है। कैट ने कहा कि वह इस मुद्दे को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष उठाएगा।
ई-कॉमर्स नियमों पर सरकार संतुलित रुख अपनाएगी
सरकार उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों में प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप देते समय ‘संतुलित रुख’ अपनाएगीगी। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावित संशोधनों को लेकर ‘व्यापक और विविध’ टिप्पणियां मिली हैं। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में महत्वपूर्ण संशोधनों का प्रस्ताव किया है। इसमें धोखाधड़ी वाली फ्लैश बिक्री और गलत तथ्यों के आधार पर सामान बेचना शामिल है।
सचिव ने कहा कि उनका मंत्रालय गुमराह करने वाले विज्ञापनों के नियमों के मसौदे पर प्राप्त सार्वजनिक टिप्पणियों की समीक्षा कर रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने पिछले महीने स्पष्ट कर दिया था कि उनका मंत्रालय ई-कॉमर्स मंचों पर व्यापार का नियमन नहीं करेगा और ई-रिटेलरों को नियमों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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