मुंबई। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने आईसीआईसीआई बैंक में कंपनी संचालन व्यवस्था पर संदेह जताया है। बैंक की प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर के ऊपर पद के गलत उपयोग के आरोप के बीच रेटिंग एजेंसी ने यह बात कही। उसने यह भी कहा कि मौजूदा आरोप से निजी क्षेत्र के बैंक के लिये साख का जोखिम है। यह बात ऐसे समय कही गयी है जब बैंकों में धोखाधड़ी कर दिये गये कर्ज से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बढ़ रहा है।
रेटिंग एजेंसी ने एक नोट में कहा है कि भारत के आईसीआईसीआई बैंक के हितों के टकराव वाले कर्ज दिए जाने के आरोप की जांच से बैंक में कामकाज को लेकर सवाल उठे हैं और उसके साख को खतरा उत्पन्न हुआ है।
पिछले महीने बैंक ने यह स्वीकार किया कि चंदा कोचर ऋण समिति की बैठक में भाग लेने से स्वयं को अलग नहीं कर सकी जिसमें 3,250 करोड़ रुपए का कर्ज विविध कारोबार से संबद्ध वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में देने का निर्णय किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख के पति दीपक कोचर ने वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के साथ अक्षय ऊर्जा में कारोबार के लिये संयुक्त उद्यम बनाया था। बाद में धूत उस संयुक्त उद्यम से बाहर हो गए।
फिच ने कहा है कि बैंक की सीईओ की ऋण समिति की बैठक में मौजूदगी तथा बैंक की स्वतंत्र जांच में समर्थन देने में रुचि नहीं दिखाने को देखते हुए हमारी राय में कंपनी के संचालन गतिविधियों की मजबूती को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ है।