मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल ने आज अपनी प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उषा अनंतसुब्रमणियम से उनके सभी अधिकार और शक्तियां वापस ले ली। पीएनबी धोखाधड़ी मामले के आरोप पत्र में उषा का नाम सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय के निर्देश पर इलाहाबाद बैंक निदेशक मंडल ने यह कदम उठाया। उषा अनंतसुब्रमणियन इलाहाबाद बैंक में जाने से पहले मई 2017 तक पंजाब नेशनल बैंक की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थीं।
वित्त मंत्रालय ने कल ही इलाहाबाद बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के निदेशक मंडलों को उषा अनंतसुब्रमणियम और पीएनबी के दो कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कारवाई करने को कहा। पीएनबी के निदेशक मंडल ने कल ही अपने दो कार्यकारी निदेशकों की सभी शक्तियों को वापस लेने का फैसला कर लिया था।
इलाहाबाद बैंक ने नियामकीय जानकारी में कहा है कि बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में बैंक की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्रीमती उषा अनंतसुब्रमणियम को तुरंत प्रभाव से बैंक की सभी कामकाजी जिम्मेदारियों से अलग करने का फैसला किया है।
निदेशक मंडल ने सरकार से बैंक में कामकाज सामान्य ढंग से आगे जारी रखने के लिये जल्द ही उपयुक्त व्यवस्था करने को भी कहा है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कल ही पीएनबी धोखाधड़ी मामले में पहला आरोपपत्र दायर किया है। आरोप पत्र में हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उसके भाई निशाल मोदी और नीरव मोदी की कंपनी में कार्यकारी अधिकारी सुभाष परब की भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
इस बीच पीएनबी ने मंगलवार को कहा है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी में बैंक की कुल देनदारी 14,356.84 करोड़ रुपए बनती है।