Term Insurance खरीदते वक्त याद रखें ये जरूरी बातें
- उम्र के साथ-साथ Term Insurance खरीदने की लागत बढ़ती जाती है। ऐसे में जितनी कम उम्र में टर्म इंश्योरेंस खरीद लें बेहतर होगा।
- जिस कंपनी का क्लेम सेटमेंट रेश्यो सबसे ज्यादा हो उससे टर्म इंश्योरेंस खरीदें। जितना ज्यादा क्लेम सेटलमेंट रेश्यो होगा कंपनी का रिकॉर्ड बीमाधारक के पक्ष में माना जाता है।
- टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय अपने ओर से कभी किसी जानकारी को न छुपाए अन्यथा गलत जानकारी पाए जाने पर आपके आपके बाद आपके परिवार को क्लेम लेने में दिक्कत होगी।
- अगर मे़डिकल टेस्ट करवाने के बाद बीमा कंपनी आपके टर्म इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम की रकम को बढ़ाती है तो इंश्योरेंस लेने का इरादा न बदलें बल्कि यह माने कि टर्म इंश्योरेंस लेना अब और भी ज्यदा जरूरी है।
- बाजार में तमाम कंपनियां अलग अलग तरह के फीचर्स के साथ टर्म इंश्योरेंस देती हैं। बीमा कंपनी के एक्जिक्युटिव और अपने वित्तीय सलाहकार की मदद से उपयुक्त प्रोडक्ट खरीदें।
टर्म इंश्योरेंश, जीवन बीमा लेने का सबसे सरल तरीका है। टर्म इंश्योरेंस में बीमा लेने वाला व्यक्ति एक निश्चित समय तक एक से प्रीमियम का भुगतान करता है। जिस अवधि के लिए इंश्योरेंस लिया गया है, इस दौरान अगर बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो सम एश्योर्ड राशि के बराबर रकम उसके परिवार को दे दी जाती है।
तस्वीरों में जानिए टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स के बारे में
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उदाहरण से समझिए
अगर आपने 15 साल की अवधि के लिए 55,00000 रुपए का टर्म इंश्योरेंस लिया है और इसके लिए आप हर साल 4000 रुपए के प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो आपको अगले 15 वर्षों तक इस 4000 रुपए की राशि का भुगतान बीमा कंपनी को करना है। इस दौरान अगर आपकी मृत्यु हो जाती है तो यह 55 लाख की राशि आपके परिवार को दे दी जाएगी। लेकिन अगर 15 वर्षों तक आप स्वस्थ रहते हैं तो भुगतान किए गए प्रीमियम के बदले में आपको कुछ नहीं मिलता।
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टर्म इंश्योरेंस क्यो जरूरी?
टर्म इंश्योरेंस किसी कारण की वजह से परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने के बाद भी परिवार पर आने वाले वित्तीय संकट से उसकी रक्षा करता है। परिवार का मुखिया आय का मुख्य स्रोत होता है उसकी मृत्यु या गंभीर बीमारी से उसके अक्षम हो जाने के बाद अक्सर परिवार में शेष रह गए सदस्यों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर पर्याप्त टर्म इंश्योरेंस लिया गया है तो वित्तीय तौर पर परिवार की आर्थिक सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता और उन्हें रेगुलर इनकम का सहारा रहता है। टर्म इंश्योरेंस के अंतर्गत गंभीर बीमारी, अक्समात मृत्यु, स्थायी बीमारी जैसी चीजें कवर होती हैं। तमाम कंपनियां अब परिवार के सदस्यों को टर्म इंश्योरेंस में रेगुलर इनकम का भी ऑप्शन देती हैं।
कितना टर्म इंश्योरेंस लेना जरूरी
वित्तीय सलाहकार बलवंत जैन के मुताबिक जो व्यक्ति परिवार की आय का मुख्य स्रोत है उसे अपने मौजूदा दायित्व और भविष्य के लक्ष्यों के अनुरूप टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए। मोटे तौर पर अंदाजा लगाने के लिए किसी व्यक्ति को अपनी सालाना आय के 15 गुने के बराबर अपने टर्म इंश्योरेंस की राशि रखनी चाहिए।
5 लाख रुपए सालाना पैकेज वाले व्यक्ति को तकरीबन 75 लाख रुपए का टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए। एक टर्म बीमा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका प्रीमियम बहुत ही सस्ता होता है, जो आमतौर पर सभी के बजट में आसानी से आ जाता है। मसलन, 50 लाख का जीवन बीमा एक 25 साल के व्यक्ति को मात्र 4000 रुपए प्रति वर्ष के प्रीमियम पर आसानी से मिल जाता है। यही नहीं, 35-40 की उम्र में भी यह बीमा औसत 10,000 रुपए में मिल जाता है।
इस आर्टीकल में टर्म इंश्योरेंस से जुड़े बुनियादी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। अगर इसके इतर आपके मन में है इससे जुड़ा कोई सवाल तो कमेंट बॉक्स में लिख भेजिए आपकी समस्या के हल से जुड़ा आर्टिकल हम जल्द आप तक पहुंचाएंगे।
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