नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2015 एक इवेंटफुल साल रहा। उन्होंने इस साल 26 देशों की यात्रा की। 25 दिसंबर को उन्होंने पाकिस्तान जाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया। काबुल से लौटते वक्त मोदी ने लाहौर में रुकने का फैसला लिया। 25 दिसंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जन्मदिवस था। मोदी उन्हें बधाई देने के लिए लाहौर पहुंचे थे।
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इस साल मार्च में मोदी ने पहली विदेशी यात्रा की। इसके बाद से हर महीने कम से कम दो देशों की यात्रा की। जून, अगस्त और सितंबर में उन्होंने केवल एक-एक देश बांग्लादेश, यूएई और यूस की ही यात्रा की। जनवरी और फरवरी को छोड़कर, इन महीनों के दौरान विदेशी मेहमान भारत आए थे, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हैं, जो 26 जनवरी को मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे। अक्टूबर अकेला ऐसा महीना है, जब मोदी पूरे समय भारत में रहे हों। इसकी भी एक वजह है, इस महीने इंडिया-अफ्रीका सम्मेलन हुआ था। आइए डालते हैं पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर सिलसिलेवार नजर:
मार्च
सेशेल्स: 1981 के बाद सेशेल्स जाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। यहां मोदी ने भारत और हिंद महासागर के देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग के महत्व पर बल दिया। दोनों देशों ने हिंद महासागर रिम एसोसिएशन में और सक्रियता से सहयोग करने की सहमति जताई।
मॉरीशस: यहां मोदी ने हिंद महासागर के देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। दवा, कृषि, समुद्री अर्थव्यवस्था, हिंद महासागर क्षेत्र में सतत विकास और दोनों देशों के बीच समुद्री व वायु संपर्क बढ़ाने के लिए समझौते किए गए।
श्रीलंका: मोदी ने यहां श्रीलंका की संसद को संबोधित किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने श्रीलंका की रेलवे को 31.8 करोड़ डॉलर की मदद देने का वादा किया।
अप्रैल
फ्रांस: फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसिको होलांद 26 जनवरी 2016 की गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। भारत ने राफेल फाइटर जेट का सौदा फ्रांस के साथ किया। दोनों देशों ने कुल 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, आर्थिक संबंध, खेल, ऊर्जा, संस्कृति, पुरातत्व सरंक्षण, पर्यटन, कौशल विकास, विज्ञान और तकनीक आदि क्षेत्र शामिल हैं।
जर्मनी: फ्रांस के बाद मोदी जर्मनी पहुंचे और यहां हन्नोवर मेले का उद्घाटन किया। मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम में जर्मनी की भूमिका को सराहनीय बताया। दोनों देशों ने विनिर्माण, कौशल विकास, शहरी विकास और पर्यावरण, रेलवे तथा नवीकरणी ऊर्जा के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए समझौते किए।
कनाडा: 1973 के बाद कनाडा जाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। दोनों देशों ने 35 करोड़ डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षए किए, जिसके तहत कनाडा भारत के परमाणु रिएक्टर्स को अगले पांच साल तक 3220 टन ईंधन की आपूर्ति करेगा।
मई
चीन: अमेरिका यात्रा के बाद मोदी चीन यात्रा पर गए। बीजिंग में भारत और चीन ने कुल 24 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें कौशल विकास, व्यापार, पर्यावरण और पर्यटन प्रमुख है। शंघाई में मोदी ने अलीबाबा, हुवेई और शाओमी जैसी चीन की टॉप कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की। नवीकरणीय ऊर्जा, पावर इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टील और स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए दोनों देशें ने 22 अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए।
मंगोलिया: चीन के बाद मोदी मंगोलिया पहुंचे। दोनों देशों ने 13 सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षए किए, जिनमें सायबर सुरक्षा, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक और सीमा सुरक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
साउथ कोरिया: दोनों देशों ने सुरक्षा, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए। साउथ कोरिया ने स्मार्ट सिटी, रेलवे, पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ाने के लिए भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश करने की इच्छा जताई।
जून
बांग्लादेश: भारत और बांग्लादेश ने 22 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें 1974 की लैंड बाउंड्री समझौता और इसका 2011 प्रोटोकॉल शामिल है। अन्य समझौतों में व्यापार बढ़ाना, संस्कृति और समुद्री सुरक्षा हैं।
जुलाई
उज्बेकिस्तान और कजाख्स्तान: मोदी ने रूस के लिए अपनी लंबी यात्रा की शुरुआत उजबेकिस्तान से की। भारत और उजबेकिस्तान ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों ने सुरक्षा बढ़ाने, आतंकवाद से मिलकर लड़ने और व्यापार व निवेश, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में समझौते किए। कजाख्स्तान में मोदी ने पांच समझौते किए। कजाख्स्तान के साथ लंबी अवधि तक यूरेनियम की आपूर्ति का भी समझौता किया गया।
रूस: मोदी ने ऊफा में 8 से 10 जुलाई तक आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लिया। इस बैठक की सबसे अहम बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाकात रही। दोनों देश पांच बिंदुओं पर सहमत हुए और दोनों देशें के बीच दोबारा बातचीत शुरू हुई।
अगस्त
यूएई: 16-17 अगस्त को मोदी ने यूएई की यात्रा की। पिछले 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यूएई यात्रा थी। यह यात्रा सफल और उत्पादक रही।
सितंबर
अमेरिका: मोदी 23 सितंबर को अमेरिका यात्रा के लिए रवाना हुए। वो एक दिन आयरलैंड में रुके। पिछले 59 साल में किसी प्रधानमंत्री की यह पहली आयरलैंड यात्रा थी। उन्होंने सबसे पहले यूएन सस्टैनेबल डेवलपमेंट समिट को संबोधित किया। 27 सितंबर को मोदी सैन जोस पहुंचे, जहां उन्होंने डिजिटल इंडिया समिट में भाग लिया। वहां उन्होंने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, सिस्को जैसी कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात की। सिलिकॉन वैली में मोदी ने फेसबुक, एप्पल, टेसला जैसी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की।
नवंबर
यूके: जी20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी एक लंबी विदेश यात्रा पर रवाना हुए। 12 से 14 नवंबर तक मोदी ब्रिटेन में रुके। इस दौरान 25 बिजनेस समझौतों की घोषणा दोनों देशों द्वारा की गई।
टर्की: टर्की के अंताल्या में जी20 सम्मेलन आयोजित किया गया था। मोदी ने 15-16 नवंबर को इसमें भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए सभी देशों के एकजुट होने की बात कही।
मलेशिया: आसियान-इंडिया सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी मलेशिया पहुंचे। भारत ने आसियान-इंडिया एफटीए 2016 के शुरुआत में करने की इच्छा जताई।
सिंगापुर: मोदी ने 23-24 नवंबर को सिंगापुर की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ाने पर जोर दिया। दोनों देशों ने सायबर सुरक्षा और शहरी योजना जैसे क्षेत्रों में कुल पांच समझौते किए।
फ्रांस: मोदी ने पेरिस, फ्रांस की यात्रा की। वहां उन्होंने युनाइटेड नेशन सीओपी 21 का उद्घाटन किया।
दिसंबर
रूस: मोदी ने वार्षिक भारत-रूस सम्मेलन में भाग लेने के लिए 24-25 दिसंबर को रूस की यात्रा की।
अफगानिस्तान: मोदी ने अफगानिस्तान में भारत द्वाना निर्मित नए संसद भवन का उद्घाटन किया।
पाकिस्तान: मोदी ने काबुल से लौटते वक्त लाहौर में रुकने का अचानक फैसला लिया।