नई दिल्ली। करदाता और टैक्स अधिकारियों के बीच आयकर विभाग से संबंधित सभी प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन ही होंगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यह नई व्यवस्था नए वित्त वर्ष से लागू हो रही है। इस पहल का मकसद आयकरदाताओं और आकलन अधिकारी (एओ) के बीच मानव हस्तक्षेप को कम करना है। इससे करदाताओं को परेशान करने और भ्रष्टाचार की शिकायतों में कमी आएगी।
विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जल्द एक नया लिंक या विंडो ई प्रोसीडिंग पेश किया जाएगा। वेबसाइट को टैक्स विभाग की आंतरिक ऑनलाइन बिजनेस एप्लिकेशन पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे आकलन अधिकारी एक ऐसी नई व्यवस्था का इस्तेमाल कर सकेंगे जिसमें करदाता को नियमित मुद्दों के लिए आयकर दफ्तर आने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है।
सीबीडीटी का सही शेयर सौदों के लिए कर लाभ का प्रस्ताव
शेयर बाजारों में छद्म लेनदेन के माध्यम से कर चोरी पर नजर रखने और सही सौदों की सुरक्षा के लिए कर विभाग ने आज विशेष सौदों को दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर से छूट देने का प्रस्ताव किया है। यह ऐसे सौदों के लिए होगा जहां प्रतिभूति लेनदेन कर एसटीटी नहीं चुकाया गया है।
वित्त विधेयक-2017 के अनुसार ऐसी दीर्घकालीन पूंजी परिसंपत्ति के लेनदेन से बढ़ी आय को कर से छूट दी जाएगी जिनका लेनदेन एक अक्टूबर 2004 के बाद किया गया है और जिन पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) देय है।
हालांकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के जारी आदेश में सही सौदों को सुरक्षा देने की बात कही गई है और इस संबंध में नियमों का मसौदा अधिसूचित किया गया है। बोर्ड ने इस पर लोगों से 11 अप्रैल तक अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा है।