नई दिल्ली। पिछले 20 साल में पहली बार दुनियाभर में शराब की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। मार्केट रिसर्च फर्म यूरोमोनिटर इंटरनेशनल ने शराब बिक्री से जुड़े आंकड़े 2001 से जुटाना शुरू किए हैं और तब से लेकर अब तक 2015 में पहली बार शराब की वैश्विक बिक्री में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। यूरोमोनिटर के मुताबिक हालांकि 2015 में डॉलर के रूप में शराब की बिक्री तकरीबन 2 फीसदी बढ़ी है, लेकिन शराब के ओवरऑल उपभोग में 0.7 फीसदी की कमी आई है।
प्रमुख उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्था में मंदी छाने की वजह से शराब की बिक्री पर असर पड़ा है। चीन में आर्थिक मंदी की वजह से पिछले साल शराब के उपभोग में 3.5 फीसदी की गिरावट आई है। ब्राजील और पूर्वी यूरोप में शराब का उपभोग क्रमश: 2.5 फीसदी और 4.9 फीसदी घटी है। ब्राजील में गंभीर आर्थिक संकट और भ्रष्टाचार की वजह से राजनीतिक संकट है। यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई चलने से पूर्वी यूरोप में शराब की बिक्री पर असर पड़ा है।
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शराब इंडस्ट्री को निवेशकों के लिए हमेशा ही अच्छा माना जाता है क्योंकि लोग अपने अच्छे और बुरे दोनों समय में शराब का सेवन करते हैं। लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है। पिछले साल रम और वोदका की बिक्री सबसे ज्यादा घटी है। वहीं दूसरी और प्रीमियम इंग्लिश जिन, आयरिश व्हिस्की, जापानी व्हिस्की और डार्क बियर की लोकप्रियता बढ़ी है।
तस्वीरों में देख्ािए भारत के सबसे बड़े शराब करोबारी को
Vijay Mallya
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भारत में विकास दर बहुत धीमी
बिहार और केरल जैसे राज्यों में शराब पर पाबंदी की वजह से भारत में 2015 के दौरान शराब इंडस्ट्री की ग्रोथ भी 0.2 फीसदी रही है। यह पिछले 10 सालों में सबसे धीमी ग्रोथ है। यूरोमोनिटर की रिपोर्ट के मुताबिक कीमत बढ़ने, प्रतिबंध और कुछ राज्यों में वितरण में बदलाव की वजह से ग्रोथ घटी है। 2014 और 2013 में ग्रोथ दर 6-6 फीसदी थी, जबकि 2012 में 9 फीसदी और 2011 में 11 फीसदी थी।