मुंबई। 20वीं सदी की सबसे मारक राइफलों शामिल एके-47 बनाने वाली रूसी कंपनी क्लाशिनकोव कंसर्न भारत में हथियार बनाना चाहती है। इसके लिए भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है और वह लोकल पार्टनर के साथ टेक्नोलॉजी साझा करने को तैयार है। कंपनी ने कहा, हम भारत में पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों से बातचीत चल रही है।
क्लाशिनकोव कंसर्न (पूर्ववर्ती इझमेश) के मुख्य कार्यकारी अलेक्सी करीवोरूचको ने कहा कि, 2015 की शुरुआत से ही बातचीत सही दिशा में है। हालांकि कुछ भारतीय कंपनियां 2008 से ही क्लाशिनकोव राइफल बनाने की इच्छुक रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले की बातचीत सिरे नहीं चढ़ पाई क्योंकि इच्छुक कंपनियां सरकार से हथियार निर्माण का लाइसेंस हासिल करने में विफल रहीं।
शुरुआती निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग को छोड़ कर भागीदारों को कुल मिलाकर शुरू में 10 करोड़ डॉलर (लगभग 650 करोड़ रुपए) निवेश करना होगा। गौरतलब है कि एके-47 को 20वीं सदी की सबसे मारक राइफलों में से एक के रूप में जाना जाता है। रिपोर्टों के मुताबिक इस राइफल का इस्तेमाल आज सरकारी सुरक्षा बलों से ज्यादा विद्रोही गुट कर रहे हैं। रूस ने देश को इन राइफलों की आपूर्ति कई साल से रोक दी है।