नई दिल्ली: सरकार ने भारती एयरटेल, टाटा कम्युनिकेशंस, रेलटेल कॉर्प, रिलायंस कम्युनिकेशंस इंफ्रास्ट्रक्चर, स्विसफोन इंडिया और सिफी टेक्नोलॉजीज सहित 34 कंपनियों को इंटरनेट सेवा लाइसेंस मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाया है। संसद में गुरुवार को इसकी जानकारी दी गई। दूरसंचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने उल्लंघन करने वालों की जो सूची साझा की उसमें सी-डैक नोएडा, आइसनेट.नेट, कप्पा इंटरनेट सर्विसेज, नोएडा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और वर्ल्ड गेट नेटवर्क शामिल है।
चौहान ने कहा, "कंपनियों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 4 के तहत लाइसेंस दिया जाता है। आईएसपी लाइसेंसधारी कंपनियां लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन में ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करती पाई गई। ऐसे लाइसेंसधारी कंपनियों पर उचित वित्तीय जुर्माना लगाया गया है।" राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दी गई है।
सरकार ने पाया है कि भारती एयरटेल, नोएडा में सी-डैक, रेलटेल कॉर्प ऑफ इंडिया, रिलायंस कम्युनिकेशंस इंफ्रास्ट्रक्चर, टाटा कम्युनिकेशंस, प्राइमनेट ग्लोबल, माई-नेट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और कुछ अन्य सेवा प्रदाताओं के इंटरनेट कनेक्टिविटी के प्रावधान के परिणामस्वरूप अनधिकृत इंटरनेट सेवाओं का पुनर्विक्रय हो रहा है।
सरकार ने पाया है कि एयरनेट इंडिया ने लाइसेंस संचालन के हस्तांतरण द्वारा मानदंडों का उल्लंघन किया है। कप्पा इंटरनेट सर्विसेज, आईएसपी सॉल्यूशंस (इंडिया), प्राइवेट लिमिटेड, स्विसफोन इंडिया वेंचर्स, स्पेक्ट्रम सॉफ्ट टेक सॉल्यूशंस, रेनबो कम्युनिकेशंस सेवा क्षेत्र से परे सेवाएं प्रदान कर रहे थे। उत्तर के अनुसार, वर्टेला इंडिया सेवा क्षेत्र से परे सेवाएं प्रदान कर रही थी और भारत के बाहर के ग्राहकों को भी बिलिंग कर रही थी।