नई दिल्ली: भारती एयरटेल ने शुक्रवार को रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ तीन सर्किलों में 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के 'इस्तेमाल का अधिकार' जियो को हस्तांतरित करने के अपने समझौते को पूरा करने की घोषणा की। एयरटेल ने कहा कि उसे प्रस्तावित हस्तांतरण के लिए जियो से 1,004.8 करोड़ रुपये (कर भुगतान के बाद) हासिल हुए हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा जियो स्पेक्ट्रम से संबंधित 469.3 करोड़ रुपये की भविष्य की देनदारियों का भी दायित्व लेगी।
एयरटेल ने इससे पहले कहा था कि रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ भारती एयरटेल के सौदे में आंध्र प्रदेश (3.75 मेगाहर्ट्ज), दिल्ली (1.25 मेगाहर्ट्ज) और मुंबई (2.50 मेगाहर्ट्ज) सर्किल में एयरटेल के 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के 'इस्तेमाल के अधिकार' का हस्तांतरण शामिल है। जियो की एयरटेल के इस समझौते की घोषणा इस वर्ष अप्रैल में हुई थी। दो बड़ी दूरसंचार कंपनियों के बीच यह इस तरह का पहला समझौता था। वायु तरंगें अलग-अलग बैंडों में आती हैं। इनका काम आवाज और डाटा के संचरण के लिए विभिन्न प्रसार विशेषताओं का समर्थन करना होता है। उदाहरण के के तौर पर निचले बैंड जैसे कि 800 या 900 मेगाहर्ट्ज घर के अंदर अच्छा प्रदर्शन करता है जबकि 2300 मेगाहर्ट्ज अच्छी वहन क्षमता रखते हैं।
इस साल की शुरुआत में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में 855.6 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 77,800 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां लगी थी। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने नीलामी में सबसे अधिक खर्च किया था। जियो ने 800 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज जैसे बैंड में 488.35 मेगाहर्ट्ज को 57,100 करोड़ रुपये से अधिक में खरीदा था। इसके अलावा भारती एयरटेल ने इस नीलामी में इस्तेमाल करने के अधिकार को 18,700 करोड़ रुपये में जीता था। वही वोडाफोन-आइडिया के लिए नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम का मूल्य 1,993.4 करोड़ रुपये रहा था।