नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के भोपाल में स्वतंत्र अभियान परीक्षण में कॉल ड्रॉप के मानदंड पर सिर्फ एयरटेल और वोडाफोन का 2जी नेटवर्क ही खरा उतर पाया। दिल्ली और हैदराबाद के बाद टेलीकॉम कंपनियां अब भोपाल में भी विफल हो गई हैं।
ट्राई की आज जारी रिपोर्ट के अनुसार 2जी में एयरटेल और वोडाफोन के अलावा अन्य कोई भी ऑपरेटर कॉल ड्रॉप दर मानदंड को पूरा करने में सफल नहीं हो पाईं। ज्यादातर कंपनियां 2 फीसदी कॉल ड्रॉप के बेंचमार्क पर फेल हो गई हैं। 3जी नेटवर्क में एयरटेल भी दो फीसदी के कॉल ड्रॉप बेंचमार्क को पूरा नहीं कर पाया। भोपाल में BSNL के 3जी नेटवर्क पर कॉल ड्रॉप की दर 22.2 प्रतिशत के उच्चस्तर पर रही। कोई भी 2 जी और CDMA सर्विस देने वाली कंपनी 95 फीसदी के क्वालिटी बेंचमार्क को पार नहीं कर पाई। भोपाल में कॉल ड्रॉप का ड्राइव टेस्ट 3 से 5 मई तक चलाया गया था।
आइडिया, रिलायंस और BSNL सभी की कॉल ड्रॉप की दर 10 प्रतिशत या अधिक रही।
नियामक ने यह भी पाया कि एयरटेल, BSNL और वीडियोकॉन टेलीकॉम द्वारा रेडियो लिंक टाइमआउट प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कथित तौर पर इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कॉल ड्रॉप पर पर्दा डालने के लिए किया जाता है।
यह भी पढ़ें- देश के 64 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स को नहीं पता कैसे खत्म हो जाता है उनका इंटरनेट डेटा
यह भी पढ़ें- भारत में मोबाइल डेटा का इस्तेमाल 2021 तक बढ़कर होगा पांच गुना, हर यूजर खपत करेगा 7GB डेटा