नई दिल्ली। संकटग्रस्त टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर एयरसेल ने दिवालियापन सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास अर्जी दाखिल की है। मलेशियाई प्रमोटर मैक्सिस कम्यूनिकेशंस के एयरसेल में नया निवेश करने से इनकार करने के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है।
एयरसेल ने एक बयान में कहा है कि उसने मुंबई में एनसीएलटी के समक्ष दिवाला अर्जी दाखिल की है। कंपनी ने कहा कि वित्तीय दृष्टि से दबाव वाले उद्योग में इस समय उसे काफी संकट का सामना करना पड़ रहा है। कर्ज के बोझ तथा बढ़ते घाटे की वजह से कंपनी के कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ा और उसकी छवि भी प्रभावित हुई है।
एयरसेल के पास बहुत साले विकल्प थे, जिसमें भागीदारी के जरिये 4जी सर्विस को शुरू करना भी शामिल है, लेकिन इसके लिए प्रमोटर्स से ताजे निवेश की आवश्यकता थी। हालांकि, एयरसेल ने अपने बयान में कहा है कि सीआईआरपी दाखिल करना परिसमापन के लिए की गई कार्यवाही नहीं है, बल्कि यह वर्तमान स्थिति के लिए सर्वोत्तम संभव समाधान खोजने की एक प्रक्रिया है। यह फैसला संयुक्त ऋणदाता फोरम की बैठक के बाद लिया गया है, जहां ऋणदाताओं ने दिवालियापन सुरक्षा के लिए एनसीएलटी में जाने की मांग की थी।
एयरसेल ने बयान में कहा है कि कॉरपोरेट देनदार (एयरसेल सेल्यूलर, डिशनेट वायरलेस और एयरसेल) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने तीन कंपनियों के लिए अंडरटेकिंग कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 10 के तहत आवेदन दाखिल किया है।