हैदराबाद। भारतीय विमानन बाजार पर बड़ा दांव लगाते हुए यूरोपीय विमान विनिर्माता एयरबस ने कहा कि वह देश में पायलट तथा मरम्मत प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगी। इस पर शुरू में चार करोड़ डॉलर (करीब 275 करोड़ रुपए) का निवेश किया जाएगा। भारत में एयरबस डिविजन के अध्यक्ष श्रीनिवासन द्वारकानाथ ने कहा कि यह केंद्र दिल्ली या उसके आसपस के एनसीआर में बनेगा और यह भारत सरकार की कुशल भारत (स्किल इंडिया) पहल के अनुरूप होगा।
दोगुना तेज गति से बढ़ेगा भारत का विमानन बाजार
एयरबस को उम्मीद है कि भारत का विमानन बाजार वैश्विक दर के मुकाबले दोगुना गति से बढ़ेगा। इस परियोजना पर काम 2017 में शुरू होगा और उसमें 2018 से अगले 10 साल में 8,000 एयरबस पायलट और 2,000 मरम्मत इंजीनियर प्रशिक्षित होकर निकलेंगे। एयरबस ग्रुप के पूर्ण स्वामित्व वाले इस केंद्र में एयरबस इंडस्ट्री के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। इसमें ए320 एयरबस विमान की सम्पूर्ण उड़ान प्रक्रिया का वास्तविक वातावरण में प्रशिक्षण देने के लिए चार सिमुलेटर लगाए जाएंगे। बाद में इनकी संख्या बढ़ाने का प्रावधान भी होगा।
2034 तक 1600 से अधिक विमानों की जरूरत
एयरबस का अनुमान है कि 2034 तक भारत को 1,600 से अधिक यात्री तथा माल वाहक विमानों की जरूरत होगी। इससे नए पायलट और मरम्मत इंजीनियरों की मांग भी बढ़ेगी। द्वारकानाथ ने कहा, अगले 10 साल में भारतीय विमानन कंपनियों को हर सप्ताह औसतन एक एयरबस विमान की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इससे उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण की जरूरत बराबर बनी रहेगी।