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नई दिल्ली। एयर इंडिया के नॉन-फ्लाइंग (गैर-उड़ान) कर्मचारियों की वेतन कटौती तय समय में महंगाई भत्ते (डीए) के साथ बहाल हो सकती है, लेकिन पायलटों के लिए आय के नुकसान की भरपाई फिलहाल संभव नहीं है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि एयर इंडिया में वेतन कटौती वरिष्ठ गैर-उड़ान अधिकारियों और अन्य गैर-उड़ान कर्मचारियों को मात्र प्रकाशिकी के लिए दी गई है, क्योंकि वे एक स्वचालित प्रणाली से लाभान्वित होंगे जो लगभग एक या दो साल में कोविड के स्तर पर उनके वेतन को बहाल करेगा। यह पायलटों के लिए काम नहीं करेगा।
गैर उड़ान श्रेणी के कर्मचारियों के लिए वेतन में कटौती का भुगतान मूल वेतन वृद्धि और समय-समय पर संशोधित डीए के आधार पर किया जाएगा, जबकि पायलटों के लिए कमी जारी रहेगी, क्योंकि उनके लिए वेतन कटौती की मात्रा असंगत है और नॉन-फ्लायर्स वालों से बहुत ज्यादा है और आने वाले कई वर्षों तक डीए के संशोधनों द्वारा रिकवर नहीं होगा।
पायलटों के लिए दोगुना वेतन कटौती की गई है। सबसे पहले, उड़ान संबंधी भत्ते के तहत उन्हें देय न्यूनतम गारंटीकृत राशि को घटाकर और दूसरा, भुगतान की प्रति घंटा दर पर 40 प्रतिशत की कटौती करके उन्होंने दोगुना झटका दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि यह एक मुख्य कारण हो सकता है कि एयर इंडिया में नीति निर्माताओं ने बेसिक भुगतान और डीए को अछूता छोड़ दिया है।