मुंबई। निजीकरण की तैयारियों तथा बढ़ते घाटे के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया आरक्षित श्रेणी में 270 सह- पायलटों की नियुक्ति की तैयारी कर रही है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एयरलाइन ने मुख्य पायलट का एक नया पद बनाया है। हालांकि , एयरलाइन में दो इसी तरह के पद परिचालन निदेशक और कार्यकारी निदेशक ( परिचालन) हैं। इन पदों का कामकाज दो वरिष्ठ पायलट देखते हैं।
एयर इंडिया ने हालांकि, नियुक्ति की योजना का बचाव करते हुए परिचालन और नियामकीय जरूरतों का हवाला दिया है। पायलटों की नियुक्ति की योजना से पहले एयरलाइन ने 500 केबिन क्रू सदस्यों की नियुक्ति की थी। ये नियुक्तियां सरकार द्वारा शुरुआती सूचना ज्ञापन जारी करने से पहले की गई थीं। इस ज्ञापन के जरिये सरकार ने एयरलाइन की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए कंपनियों से बोलियां मांगी थीं।
सरकार एयर इंडिया की बजट एयरलाइन अंतरराष्ट्रीय अनुषंगी एयर इंडिया एक्सप्रेस से भी बाहर निकल रही है। साथ ही वह एआईएसएटीएस में अपनी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसमें शेष हिस्सेदारी सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विसेज के पास है। एयरलाइन के एक सूत्र ने कहा एयर इंडिया 270 सह पायलटों को जोड़ने जा रही है जबकि ऐसे क्रू पहले से अतिरिक्त संख्या में हैं। ये नियुक्ति आरक्षित श्रेणी में ऐसे समय की जा रही हैं जबकि निजीकरण के बाद मौजूदा श्रमबल को कायम रखने पर ही सवालिया निशान लगाया जा रहा है।
दिसंबर , 2017 तक एयर इंडिया के स्थायी कर्मचारियों की संख्या 11,214 थी। इनमें अन्य कंपनियों या एजेंसियों में 2,056 प्रतिनियुक्तियां भी शामिल हैं। इसके अलावा एयरलाइन में 2,913 कर्मचारी अनुबंध पर हैं जबकि 2,661 अन्य समूह की कंपनियों में प्रतिनियुक्ति पर हैं।