नयी दिल्ली। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया ‘सही तरीके’ से चल रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए 27 जनवरी को आरंभिक सूचना जारी की थी। सरकार ने एयर इंडिया के साथ उसकी अनुषंगी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस और सिंगापुर एयरलाइंस के साथ वाले संयुक्त उद्यम एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी को भी बेचने का प्रस्ताव किया है।
गुरुवार को विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएटीए ने कोरोना वायरस की वजह से एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के 'मौजूदा वक्त में मुश्किल में पड़ने' की संभावना जतायी थी। कोरोना वायरस की वजह से भारतीय विमानन कंपनियों के वैश्विक और घरेलू बाजार पर असर पड़ा है।
कोरोना वायरस के चलते एयर इंडिया का विनिवेश मौजूदा समय में 'मुश्किल': आईएटीए
सिंगापुर। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएटीए ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा हालातों में एयर इंडिया का विनिवेश 'मुश्किल' हो सकता है। कोरोना वायरस की वजह से विभिन्न देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं भारतीय कंपनियों का वैश्विक और घरेलू हवाई यातायात बाजार प्रभावित हुआ है। इसके चलते विमानन कंपनियों पर भारी दबाव है। इस वायरस से दुनियाभर में अब तक 95,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 3,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
आईएटीए के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन पीयर्स ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह भारतीय विमानन कंपनियों के लिए काफी मुश्किल भरा समय है।' उन्होंने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, 'स्पष्ट तौर पर भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार बहुत कमजोर हुआ है। वहीं घरेलू हवाई यातायात भी इससे प्रभावित हुआ है।'
पीयर्स के अनुसार कोरोना वायरस से जो स्थिति बनी है, उसके चलते भारतीय विमानन कंपनियों आपस में एकीकरण कर सकती हैं। उन्होंने कहा, 'एयर इंडिया का निजीकरण दीर्घावधि में भारतीय बाजार के लिए एक अनिवार्य कदम है।' भारत सरकार ने एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए आरंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया है।
पीयर्स ने कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण के लिए उपाय के तौर पर भारतीय विमानन कंपनियों को आपस में विलय करना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में यह मुश्किल दिखता है क्योंकि विमानन उद्योग पहले से कोरोना वायरस का असर झेल रहा है। वहीं शेयर बाजार भी कमजोर बने हुए हैं। इस वजह से एयर इंडिया का निजीकरण वर्तमान स्थिति में थोड़ा मुश्किल है।