मुंबई। विमानन कंपनी एयर डेक्कन देश में आर्थिक तेजी के बीच बड़े शहरों के बजाए ऐसे छोटे शहरों में हवाई यात्रा की मांग का लाभ उठाने की तैयरी में है जहां बड़े आपरेटर नहीं जाना चाहते। एयर डेक्कन के संस्थापक जी आर गोपीनाथ ने आज यहां क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत इस एयरलाइन की पहली उड़ान के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही। एयर डेक्कन ने आज मुंबई-जलगांव मार्ग के बीच सेवा शुरू की।
गोपीनाथ ने बताया, "हमारा एक सपना बड़ा है। हम उन क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं, जहां बड़े खिलाड़ी जाने के इच्छुक नहीं है या फिर उन बाजारों के लिए उनके पास कोई रणनीति नहीं है। हम अलग बाजार की ओर देख रहे हैं और उनकी नजर अलग बाजार पर है।" जून 2008 में जब एयर डेक्कन का किंगफिशर एयरलाइंस के साथ विलय हुआ था तो यह घरेलू क्षेत्र का सबसे बड़ी विमानन कंपनी थी। यह कंपनी 76 से ज्यादा गंतव्यों में अपनी सेवा देती थी, जिसमें 30 छोटे शहर शामिल थे। कंपनी के बेड़े में 33 एयरबस और 12 एटीआर विमान शामिल थे।
वर्तमान में, एयर डेकन के पास तीन 19 सीटर बीचक्राफ्ट बी-1900 विमान हैं। उन्होंने कहा, "हमारा विचार छोटे शहरों में मांग को प्रोत्साहित करना है... हम आर्थिक उछाल की सवारी करना चाहते हैं।" उड़ान योजना के तहत पहले चरण की बिक्री में एयर डेक्कन को 34 मार्गों पर परिचालन की अनुमति मिली है। जलगांव के अतिरिक्त कंपनी की योजना नासिक-कोल्हापुर मार्ग पर भी उड़ान शुरू करने की योजना है।