नई दिल्ली। सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की खबरों के बीच उसके कर्मचारियों को दिए जाने वाली रिटायरमेंट पर बड़ा बयान आया है। यह बयान एअर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी की तरफ से दिया गया है। अश्विनी ने कहा है कि एयरलाइन में हिस्सा बिक्री के समय सरकार इसके कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखेगी।
दरअसल इस तरह की खबरें आ रही हैं कि हिस्सा बिक्री से पहले एयर इंडिया अपने स्टाफ से करीब 15,000 कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे सकती है। कर्मचारियों में आशंका है कि कहीं छंटनी में उनका बी नाम न आ जाए। ऐसे में कंपनी के चेयरमैन की तरफ से कर्मचारियों को मिले भरोसे से कर्मचारियों ने कुछ राहत जरूर ली होगी।
स्टाफ को लिखे अपने पत्र में अश्विनी लोहानी ने कहा है कि हिस्सा बिक्री के बाद कंपनी में नई मैनेजमेंट आएगी जिसके बाद कंपनी में कार्पोरेट कल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। ऐसे में जो कर्मचारी अच्छा काम करेंगे उनको आगे भी बढ़ाया जाएगा। चेयरमैन का बयान ऐसे समय पर आया है जब एअर इंडिया के कर्मचारियों का एक धड़ा कंपनी में हिस्सा बिक्री के खिलाफ हड़ताल कर रह है।
कर्मचारियों को लिखे अपने पत्र में अश्विनी लोहानी ने लिखा है कि एयरलाइन में हिस्सा बिक्री के पीछे सरकार का मकसद एअर इंडिया को एक मजबूत और विश्व स्तर की एयरलाइन बनाना है जो दूसरी एयरलाइन के साथ प्रतिसपर्धा कर सके। फिलहाल एअर इंडिया पर करीब 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज है लेकिन एयरलाइन इस कर्ज को चुकाने में असहाय है, इसी वजह से इसमें हिस्सा बेचने का फैसला हुआ है। लोहानी ने यह भी कहा है कि हिस्सा बिक्री से पहले भी एयरलाइन मार्केट मे अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए काम करती रहेगी। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले महीने ही एअर इंडिया में हिस्सा बिक्री की मंजूरी दी थी। अब केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह हिस्सा बिक्री की दूसरी औपचारिकताओं को अंतिम रूप देगा।