नई दिल्ली: राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा आयोजित 5 दिवसीय व्यापार बंद के बाद चुनाव से पहले सरकार ने संघ के 32 सूत्रीय मांगपत्र पर समझौता किया। आड़तियों की आड़त 2 से बढ़ाकर सवा दो फीसदी करने, समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीद पर आड़तिया को आड़त दिलवाने, दुकानों से मांगे जा रहे यू.डी. टेक्स को समाप्त करने, चीनी पर मण्डीसेस घटाने, मूंगफली पर मण्डीसेस घटाकर 1 फीसदी करने, डएलसी दर की सवा दो पर बचे हुए दुकानदारों को मालिकाना हक देने, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ को भवन हेतु 2000 वर्गमीटर जमीन रियायती दर पर मुहाना मण्डी में उपलब्ध कराने, मण्डियों में आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने, अजमेर के व्यापारियों को 17 गोदाम नियमित करने तथा बीकानेर के 95 आड़तियों को जमीन उपलब्ध करवाने पर समझौते हुए थे।
आड़त को 20 बरस बाद 2 फीसदी से बढ़ाकर सवा दो फीसदी किया
इन समझौतों में से राज्य सरकार ने राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की प्रमुख मांग आड़त को 20 बरस बाद 2 फीसदी से बढ़ाकर सवा दो फीसदी किया है तथा मूंगफली को तिलहन में शामिल किया है, जिसके कारण मूंगफली पर अब 1 फीसदी मण्डी सेस लगेगा। इससे पहले यह मण्डी सेस 1.60 फीसदी था। आड़ की वृद्धि के कारण राज्य के आड़तियों को करीब 75 करोड़ रुपए सालाना का लाभ होगा।
राजस्थान खाद्घ पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन श्री बाबूलाल गुप्ता के राज्य सरकार द्वारा आड़त में की गई बढोत्तरी तथा मूंगफली पर 1 फीसद मण्डीसेस करने के लिए मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया। बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि मांग समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली कृर्षि जिंस पर आड़तिया को आड़त दिलाने के लिए केन्द्र सरकार से शीघ्र आदेश दिलाए जाए।