मुंबई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट करते हुए कहा कि देश को गरीबी से छुटकारा दिलाने और सकल घरेलू उत्पाद के समग्र विस्तार के लिए कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक तेजी से आगे बढ़ना होगा। जेटली नाबार्ड में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन हाल ही में घोषित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर किया गया। उन्होंने कहा यदि भारत को ग्रोथ दर्ज करनी है और गरीबी से छुटकारा पाना है तो कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करनी होगी। कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लगातार दो साल खराब मानसून के बाद अब यदि इस साल भी कम बारिश होती है तो यह पूरी प्रणाली की परीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अप्रैल से मिशन के तौर पर पेश की जाएगी ताकि इस साल से ही खरीफ मौसम की फसल को बीमा सुरक्षा प्रदान की जा सके। जेटली ने कहा कि इस योजना में कृषि क्षेत्र की मुश्किलें दूर करने और देश को किसानों की आत्महत्या के कलंक से मुक्त करने की क्षमता है। किसानों की आत्महत्या से देश के कई हिस्से प्रभावित हैं।
जेटली कम ब्याज दर के पक्ष में हैं, करीब डेढ़ साल से मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। लगातार 16 महीने से थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे है, लगातार 16 महीने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5-5.5 प्रतिशत के पार नहीं गई है। यह हमेशा उस स्तर से कम रही है। जेटली ने कहा, नीतिगत दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने में बैंकों के समक्ष एक बड़ी दिक्कत आ रही थी। छोटी बचतों की ऊंची ब्याज दर के कारण बैंक ऐसा नहीं कर पा रहे थे। सरकार इन बचतों पर आंशिक तौर पर सब्सिडी देती है, लेकिन अब उन्हें बाजार के अनुरूप वास्तविक बनाया जा रहा है।