नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक मोटा अनाज वर्ष के तौर पर मनाने की योजना को लेकर बैठक की। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के प्रस्ताव पर आगे बढ़ते हुये वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज (जौ, बाजरा, ज्वार) वर्ष घोषित किया है। एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाने के लिए की जाने वाली गतिविधियों के प्रस्तावों पर आज बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।’’ बयान में कहा गया है कि इसके तहत देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
साल भर कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकारों, सभी जिलों के स्थानीय प्रशासन, शहरी निकायों, सांसदों और देश भर के अन्य जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा। बैठक में तोमर ने कहा कि सरकार ने मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। वर्ष 2018 को राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में भी मनाया और उन्हें 'अद्वितीय पहचान' देते हुए पौष्टिक अनाज के रूप में अधिसूचित किया। नतीजतन, भारत में मोटा अनाज उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 के 164 लाख टन से फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में बढ़कर 176 लाख टन हो गया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 96 अधिक उपज देने वाली, रोग प्रतिरोधी, 10 पोषक-अनाज फसलों और तीन बायोफोर्टिफाइड किस्मों को जारी किया गया है। बैठक में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव संजय अग्रवाल, आईसीएआर के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।