नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच भी देश का एग्री सेक्टर पूरी अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीदें बनाए हुए है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में कृषि उत्पादों का निर्यात 43.4 फीसदी बढ़कर 53627 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। कृषि मंत्रालय ने शनिवार को निर्यात में हुई बढ़त की जानकारी दी। पिछले साल की इसी अवधि में 37397 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ था। सबसे अच्छा प्रदर्शन सितंबर महीने का रहा है। सितंबर 2020 में कृषि निर्यात 81.7 फीसदी बढ़कर 9296 करोड़ रुपये रहा है। पिछले साल सितंबर में 5114 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था।
एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि सरकार के द्वारा कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों का फल मिला है। जिससे कोविड 19 संकट में भी अप्रैल से सितंबर के दौरान जरूरी कृषि उत्पादों का निर्यात 43.4 फीसदी की बढ़त के साथ 53626 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंत गया। आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि के दौरान निर्यात में सकारात्मक बढ़त दर्ज करने वाले उत्पादों में मूंगफली में 35 फीसदी, रिफाइंड शुगर में 104 फीसदी, गेहूं में 206 फीसदी, बासमती चावल में 13 फीसदी और गैर बासमती चावल में 105 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। यही नहीं अप्रैल से सितंबर के दौरान आयात और निर्यात का अंतर सकारात्मक होकर 9002 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की इसी अवधि में 2133 करोड़ रुपये का व्यापार घाटा दर्ज हुआ था।
कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कृषि निर्यात नीति 2018 का ऐलान किया था, जिसमें नकदी फसलों के निर्यात पर केंद्रिंत उत्पादन के लिए क्लास्टर आधारित नीति अपनाई गई थी। इसमें फलों, सब्जियों और मसालों आदि को शामिल किया गया था। नीति के तहत पूरे देश भर में ऐसे क्लस्टर की पहचान की गई थी और इनपर फोकस बढ़ाया गया था। इसके साथ ही कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए 8 एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम का गठन भी किया गया था। ये फोरम केला, अंगूर, आम, अनार, प्याज, दुग्ध उत्पाद, बासमती चावल और गैर बासमती चावल के लिए बनाए गए थे।