नई दिल्ली। डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) की शुक्रवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में संकट से गुजर रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। समायोजिक सकल राजस्व (एजीआर) बकाये को लेकर आंकड़ों को नए सिरे से मिलाने के लिए अभी और जानकारियों की जरूरत है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि आयोग की बैठक दो घंटे तक चली। आयोग की अगली बैठक जल्दी ही होने का अनुमान है। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों का लगातार कहना है कि आयोग की बैठक में एजीआर चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि यह बैठक भारत नेट परियोजना में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल लागू करने को लेकर है। ऐसी जानकारियां मिली हैं कि इस बैठक में दूरसंचार कंपनियों को राहत देने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया।
सूत्रों का कहना है कि एजीआर के आंकड़ों को नये सिरे से मिलाने के लिये कुछ और विस्तृत जानकारियों की जरूरत है। आयोग की बैठक में वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिवों समेत नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह आयोग दूरसंचार क्षेत्र में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।