नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित दूरसंचार कंपनियों पर बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भविष्य में किसी भी मुकदमे का विषय नहीं हो सकता है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने एजीआर की गणना में कथित त्रुटियों को दूर करने की मांग से जुड़ी दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एजीआर से संबंधित विवाद काफी लंबे समय से अदालतों में लंबित रहा है और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर बकाया राशि को लेकर आगे किसी भी मुकदमे में विचार नहीं किया जाएगा। फैसले में कहा गया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर बकाया एजीआर राशि में बदलाव करने से जुड़ी किसी भी याचिका को मंजूरी देने से जुड़े उच्चतम न्यायालय के एक सितंबर, 2020 के पिछले फैसले पर पुनर्विचार को लेकर संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है।
दूरसंचार कंपनियों ने अपनी याचिका में एजीआर की पुनर्गणना की मांग करते हुए कहा था कि गणना में अंकगणितीय "त्रुटियों" को ठीक किया जाए। उनका कहना था कि गणना में प्रवृष्टियों को दोहराया भी गया है।