नई दिल्ली। रिलायंस जियो के साथ मुकेश अंबानी अब एक और बड़ा दांव लगाने जा रहे हैं। रिटेल कंपनियां जब इंडिया पर फोकस कर रही हैं, अंबानी अपना पूरा ध्यान भारत पर लगा रहे हैं। अमेजन और फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स की लड़ाई में अरबों डॉलर झोंक रहे हैं, वहीं अंबानी ने छोटी किराना दुकानों से अपने जियो ग्राहकों को सस्ता किराना उपलब्ध कराने के जरिये ऊंचाईयों को छूने की योजना बनाई है।
रिटेल में उतरने के जरिये अंबानी न तो अपना पैसा खर्च करेंगे आर न ही डिलीवरी जैसे मुद्दों में फंसकर अपने हाथ गंदे करेंगे। उन्होंने निर्माताओं और किराना स्टोर को अपने रिलायंस जियो ग्राहकों के साथ लिंक करने की योजना बनाई है। रिलायंस जियो अपने उपभोक्ताओं को किराना स्टोर से डिस्काउंट रेट पर सामान खरीदने के लिए डिजिटल कूपन की पेशकश करेगी।
इसके लिए रिलायंस जियो अपना पैसा खर्च नहीं करेगी। वह केवल अपने उपभोक्ताओं के फायदे के लिए निर्माता और किराना स्टोर के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाएगी। इससे निर्माता ब्रांड को फ्री प्रचार मिलेगा, वहीं किराना स्टोर को ज्यादा ग्राहक। और जियो के लिए यह नए ग्राहकों को जोड़ने और उन्हें अपने साथ बनाए रखने का एक प्रभावी रास्ता भी होगा।
कंपनी इस स्कीम के पायलेट प्रोजेक्ट को मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में चला रही है और अगले साल यह स्कीम पूरे देश में लागू की जाएगी। छोटे किराना स्टोर ई-कॉमर्स कंपनियों से डरे हुए हैं, लेकिन अंबानी को इनमें अपने लिए बड़ी संभावना दिखाई दे रही है। जियो के सस्ते डाटा ने अंबानी के लिए एक बहुत बड़ा बाजार खोल दिया है। भारत के 650 अरब डॉलर वाले रिटेल उद्योग में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी केवल 3-4 प्रतिशत है। इसमें संगठित रिटेलर्स की हिस्सेदारी भी केवल 8 प्रतिशत है। शेष 88 प्रतिशत हिस्सा छोटी किराना दुकानों का है। यही वह बाजार है जिस पर अंबानी जियो के जरिये कब्जा जमाना चाहते हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी एक ऐसे आदमी हैं जो अपनी उंगली भारतीय उपभोक्ता की नब्ज पर रखते हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि जब विदेशों में निवेश करने का चलन था, तब रिलायंस ने भारत में 3.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया और उससे बेहतर रिटर्न हासिल किया। वह अपने नए टेलीकॉम वेंचर रिलायंस जियो के बारे में बात कर रहे थे, जिसने फ्री कॉल्स और सस्ते डाटा से पूरे टेलीकॉम सेक्टर को हिला के रख दिया है।