Wednesday, November 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नोटबंदी और RERA के बाद इस साल खरीदारों के लिए आकर्षक रहेगा रियल एस्‍टेट सेक्‍टर

नोटबंदी और RERA के बाद इस साल खरीदारों के लिए आकर्षक रहेगा रियल एस्‍टेट सेक्‍टर

रेरा को केंद्र सरकार ने पिछले साल अधिसूचित किया था और उम्मीद जताई कि राज्य इस कानून का अनुसरण करेंगे। रेरा रियल एस्‍टेट के खरीदारों के हित में है।

Manish Mishra
Published on: January 30, 2017 12:38 IST
नोटबंदी और RERA के बाद इस साल घर खरीदने वालों के लिए आकर्षक रहेगा रियल एस्‍टेट सेक्‍टर- India TV Paisa
नोटबंदी और RERA के बाद इस साल घर खरीदने वालों के लिए आकर्षक रहेगा रियल एस्‍टेट सेक्‍टर

नई दिल्‍ली। हम ऐसे दिलचस्प दौर में हैं, जब रियल एस्टेट उद्योग एक बार फिर मंदी के बाद उठ खड़ा हो रहा है। इस उद्योग में नियामकीय हस्तक्षेप से यह अनियमित, असंगठित और विखंडित क्षेत्र से एक संगठित, उम्मीद के मुताबिक, विनियमित क्षेत्र में बदल रहा है। बैंकिंग और दूरसंचार जैसे क्षेत्र में भी अतीत में इसी प्रकार के हस्तक्षेप किए गए थे, जिसके बाद इन उद्योगों में विशाल विस्तार देखा गया।

GDP में 5 से 6 फीसदी है रियल एस्‍टेट का योगदान

पिछले कई सालों से रियल एस्टेट उद्योग अतिरिक्त आपूर्ति, सुस्‍त मांग, उच्च लेकिन सपाट कीमतें, और सपाट प्रदर्शन करता रहा है। यह अलग बात है कि रियल एस्टेट उद्योग को भी सोने की तरह निवेश का महत्वपूर्ण साधन माना जाता है, इसलिए इस उद्योग में विकास की संभावनाएं हमेशा बनी होती है। इसके साथ ही लगातार हो रहा शहरीकरण, घरों की कमी, उन्नयन, रोजगार के अवसरों में वृद्धि और छोटे परिवारों के कारण इस क्षेत्र में विकास की काफी संभावनाएं हैं।

यह उद्योग काफी बड़ा है जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 5 से 6 फीसदी का योगदान करता है, इसलिए यह आर्थिक गतिविधियों का भी एक महत्वपूर्ण कारक है। आइए उन महत्पूर्ण कारकों की पड़ताल करें, जो इस उद्योग को अगले 12 महीनों के लिए दिशा देगा।

यह भी पढ़ें : नोटबंदी से सरकार को केवल 72,800 करोड़ रुपए का होगा फायदा, मोतीलाल ओसवाल ने जताया अनुमान

रियल एस्‍टेट नियामक प्राधिकरण पर इस साल से होगा अमल

रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) को केंद्र सरकार ने पिछले साल अधिसूचित किया था और उम्मीद जताई कि राज्य इस कानून का अनुसरण करेंगे, जिस पर 2017 में अमल होने की संभावना है। डेवलपरों पर यह दबाव है कि वे पूंजी जुटाएं और नई परियोजनाओं पर काम शुरू करें, जबकि इसके लागू होने से उनकी अनुपालन लागत में बढ़ोतरी होगी।

इस कानून से निश्चित तौर पर पड़े और संगठित डेवलपरों को फायदा होगा। साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा होगी। अगर इसके आगे भी कोई नीतिगत बदलाव किया जाता है तो उससे मांग पर असर पड़ेगा। नोटबंदी का असर इस तिमाही के अंत तक (31 मार्च) खत्म हो जाएगा।

सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना से इडब्ल्यूएस/एलआइजी/एमआइजी खंड पर मजबूत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आवास ऋण की दरों में निरंतर कमी, किफायती आवास और अवसंरचना के विकास पर जोर रियल एस्टेट क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

खरीदारों को कीमतें घटने का है इंतजार

नोटबंदी के कारण उपभोक्ताओं में एक अवास्तविक भावना पैदा हुई थी कि संपत्ति की कीमतें काफी तेजी से गिर जाएगी। हालांकि नकदी की कमी के कारण रियल एस्टेट सौदों में तेज गिरावट देखी गई, क्योंकि खरीदार और विक्रेता नोटबंदी के बाद की परिस्थितियों की शर्तो पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं। विक्रेता जहां इंतजार कर रहे हैं, वहीं खरीदार कीमतें गिरने का इंतजार कर रहे हैं।

उम्मीद है कि धीरे-धीरे इसमें सुधार आएगा। इसके अलावा 2016 में बना बनाया घर (रेडी-टू-मूव) खरीदने को वरीयता देने का चलन देखा गया। उम्मीद है कि यह प्रचलन 2017 में भी बरकरार रहेगा और डेवलपरों को ध्यान देना होगा कि वे परियोजनाएं समय पर पूरा करें और पजेसन के समय घर बेचने में उन्हें आसानी होगी।

सबसे ज्‍यादा बिक्री 40 से 80 लाख के घरों की

सबसे ज्यादा 40 लाख से 80 लाख रुपए की कीमतों वाले घरों की मांग होती है। पिछले कुछ महीनों से खरीदारों ने रेंट पर घर लेने को ज्यादा तवज्जो दी है। हालांकि ब्याज दरों में कमी और संपत्ति की कीमत में नरमी (8 से 12 फीसदी की छूट) से इस साल यह चलन कम होगा और लोग घर खरीदारी को तवज्जो देंगे।

छोटी कंपनियों को खरीद रही हैं बड़ी कंपनियां, नए प्रोजेक्‍ट काफी कम हुए लॉन्‍च

उद्योग में पहले ही डेवलपरों की संख्या पर्याप्त है, जबकि छोटे और असंगठित डेवलपर अपने लैंडबैंक को पेशेवर खिलाड़ियों को बेचना चाहते हैं। नोएडा में ऐसा ही देखा गया। हमें इस साल प्रतिष्ठित डेवलपरों द्वारा कई संयुक्त उद्यम शुरू करने और वित्तीय रूप से कमजोर डेवलपरों की परियोजनाओं का अधिग्रहण करते देखने को मिलेगा। वहीं, नई लांच गतिविधियां काफी कम हो गई है और क्षेत्र में मांग दोबारा पैदा होने तक हमें ऐसे ही देखने को मिलेगा।

हालांकि जरूरत से ज्यादा आपूर्ति की बातों पर काफी चर्चा हो चुकी है। लेकिन पिछले दो सालों में कई डेवलपरों ने नए लांच से हाथ पीछे खींच लिए। इस साल के अंत तक कई चुनिंदा आपूर्ति की कमी देखने को मिलेगी।

अब लोग ऑनलाइन कर रहे हैं घर की खोज और कीमतों की तुलना

इस क्षेत्र में 2017 में जोरदार डिजिटलीकरण देखने को मिलेगा। हाल ही में एक रिपोर्ट से पता चला है कि 65 फीसदी लोग घर खरीदने के लिए ऑनलाइन सर्च करते हैं। अब ग्राहक केवल सर्च नहीं करते हैं, बल्कि कीमतों की तुलना आदि के साथ सुविधाओं की तुलना भी कर रहे हैं। साथ ही वैसी ऑनलाइन सेवाओं को तबज्जो दे रहे हैं जो ऑफलाइन खरीद प्रक्रिया में भी सेवाएं मुहैया कराए।

रियल एस्टेट कारोबार अब खरीदारों का बाजार है और आगे भी यह इसी रूप में जारी रहेगा। जो लोग खरीद को टाल रहे हैं और कीमतें गिरने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें सलाह है कि रिसर्च शुरू कर दें और विक्रेता से बेहतर डील प्राप्त करें।

अचल संपत्ति के लिए अंतर्निहित अव्यक्त मांग लगातार ऊंची बनी हुई है और इस साल भी इस भावना में सुधार आएगी। यह रियल एस्टेट उद्योग के लिए दिलचस्प दौर रहनेवाला है। हमें बाजार में गतिशीलता की उम्मीद है और ये सभी कारण इसमें अपनी भूमिका निभाएंगे। और 2017 में क्या होता है वह बहुत हद तक इन कारकों की गतिशीलता पर निर्भर करेगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement