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#BigBangReform: दिवाली से पहले मोदी सरकार का धमाका, 15 सेक्टर्स में FDI को मंजूरी

सरकार ने कंस्‍ट्रक्‍शन, डिफेंस, रिटेल और प्‍लांटेशन समेत 15 सेक्‍टर में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश (FDI) की प्रक्रिया को आसान बनाने की घोषणा की है।

Abhishek Shrivastava
Updated : November 10, 2015 19:28 IST
#BigBangReform: दिवाली से पहले मोदी सरकार का धमाका, 15 सेक्टर्स में FDI को मंजूरी
#BigBangReform: दिवाली से पहले मोदी सरकार का धमाका, 15 सेक्टर्स में FDI को मंजूरी

नई दिल्‍ली। बिहार विधानसभा चुनावों में हार से एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक एलाइंस) के रिफॉर्म एजेंडे पर कोई असर नहीं पड़ेगा इसका स्‍पष्‍ट संकेत देने के लिए मोदी सरकार ने मंगलवार को  दिवाली से ठीक एक दिन पहले एक बड़ा सुधारात्‍मक कदम उठाया है। सरकार ने एविएशन, कंस्‍ट्रक्‍शन, डिफेंस, रिटेल, मीडिया, बैंकिंग, प्‍लांटेशन समेत 15 सेक्‍टर्स में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश (FDI) की प्रक्रिया को आसान बनाने की घोषणा की है। सरकार अपने इस कदम से देश में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश को बढ़ाना चाहती है। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को यूके और टर्की की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। वे वहां जी-20 की बैठक में हिस्‍सा लेने जा रहे हैं।

सरकार की हो रही थी आलोचना

बिहार परिणामों के बाद एनडीए के आर्थिक एजेंडा के सुस्‍त पड़ने की बातें कहीं जा रही थीं, ऐसे में सरकार ने यह बड़ा फैसला कर विपक्ष को साफ संकेत दिया है कि सरकार अपने विकास एजेंडे को लेकर प्रतिबद्ध है। विपक्ष ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि बिहार चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए अपने विकास क मुद्दों से भटक गई है।

क्‍या बोले वित्‍त मंत्री अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि जो सुधारवादी कदम उठाए गए हैं, उनसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में भारत को और ऊंचा स्‍थान मिलना चाहिए था। एफडीआई प्रवाह पिछले एक साल के दौरान 40 प्रतिशत बढ़ा है। आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी निवेश आता रहना चाहिए। आज के एफडीआई को आसान बनाने का फैसला 15 अलग-अलग सेक्‍टरों पर प्रभाव डालेगा लेकिन इनमें निवेश के लिए 32 क्षेत्र होंगे। एफडीआई से देश में इकोनॉमिक ग्रोथ को बहुत फायदा मिलेगा। व्यय योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है, इस साल खर्च में कटौती की उम्मीद नहीं है। अक्‍टूबर में एक्‍साइज ड्यूटी कलेक्‍शन में वृद्धि इस बात के संकेत हैं कि मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में तेजी से सुधार हो रहा है।

क्‍या बोले पीएम मोदी

एफडीआई पर किए गए फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास और सुधारों के मामले में भारत की प्रतिबद्धता असंदिग्ध और अडिग है। एफडीआई नीति में बदलाव  का दायरा 15 क्षेत्रों तक फैला है। उन्‍होंने कहा कि भारत को आर्थिक प्रगति की राह पर रोका नहीं जा सकता। सरकार का प्रयास है कि दुनिया हमारे देश में उपलब्ध विशाल संभावनाओं को देखे।  उन्‍होंने एफडीआई नीति में किए गए नए सुधारों को छोटी सरकार कारगर सरकार का एक और उदाहरण बताया।

रिटेल

  • ड्यूटी फ्री शॉप: सरकार की मंजूरी के बिना 100 फीसदी एफडीआई।
  • होलसेल/सिंगल ब्रांड रिटेलिंग : सरकार की मंजूरी के बना 100 फीसदी एफडीआई।

मीडिया

  • टेलपोर्ट्स : 100 फीसदी (49 फीसदी तक बिना सरकार की मंजूरी के)।
  • डायरेक्‍ट टू होम (टीवी) : 100 फीसदी (49 फीसदी तक बिना सरकार की मंजूरी के)।
  • केबल नेटवर्क: 100 फीसदी (49 फीसदी तक बिना सरकार की मंजूरी के)।
  • एफएम रेडियो: 49 फीसदी सरकार की मंजूरी के साथ।
  • न्‍यूज, करेंट अफेयर्स टीवी चैनल: 49 फीसदी सरकार की मंजूरी के साथ।
  • नॉन-न्‍यूज टीवी चैनल: 100 फीसदी बिना पूर्व अनुमति के।

बैंकिंग

  • प्राइवेट बैंक में इन्‍वेस्‍टमेंट: एफआईआई/एफपीआई/क्‍यूएफआई 74 फीसदी तक इन्‍वेस्‍ट कर सकते हैं।

प्‍लांटेशन

  • कॉफी/रबड़/इलायची/पाम ऑयल प्‍लांटेशन: सरकार की मंजूरी के बिना 100 फीसदी तक एफडीआई।

इन 15 सेक्‍टर में आसान होंगे एफडीआई नियम

  • लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप, डाउनस्‍ट्रीम इन्‍वेस्‍टमेंट और अप्रूवल से जुड़ी शर्तें
  • एनआरआई के स्‍वामित्‍व व नियंत्रण वाली कंपनियों द्वारा किया जाना वाला निवेश
  • भारतीय कंपनियों के स्‍वामित्‍व और नियंत्रण का ट्रांसफर और इस्‍टेबलिशमेंट
  • कृषि और पशुपालन
  • प्‍लांटेशन
  • मिनरल व माइंस
  • डिफेंस
  • ब्रॉडकास्टिंग सेक्‍टर
  • सिविल एविएशन
  • कंस्‍ट्रक्‍शन डेवलपमेंट
  • कैश एंड कैरी होलसेल ट्रेडिंग/होलसेल ट्रेडिंग (एमएसएमई से खरीद सहित)
  • विशेष सेक्‍टर में निवेश की सीमा में बढ़ोत्‍तरी
  • सिंगल ब्रांड रिटेल
  • ट्रेडिंग और ड्यूटी फ्री शॉप
  • बैंकिंग- प्राइवेट सेक्‍टर
  • मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर

निवेशकों का बचेगा समय

सरकार ने अपने बयान में कहा है कि इन सुधारों से देश में विदेशी निवेश की प्रक्रिया को और आसान, युक्तिसंगत और सरल बनाया गया है, ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा एफडीआई प्रस्‍ताव गवर्नमेंट रूट के बजाये ऑटोमैटिक रूट से आएं, जिससे निवेशकों की एनर्जी और समय दोनों की बचत होगी। इन एफडीआई सुधारों से कृषि, पशुपालन, प्‍लांटेशन, डिफेंस, ब्रॉडकास्टिंग, सिविल एविएशन और मैन्‍यूफैक्‍चरिंग जैसे सेक्‍टर को फायदा होगा। बयान में कहा गया है कि सरकार के इस कदम से मेक इन इंडिया को प्रोत्‍साहन मिलेगा और उपभोक्‍ता अन्‍य देशों से आयात के बदले देश में बने उत्‍पाद ही खरीदेंगे।

एफआईपीबी की सीमा भी बढ़ी

प्रस्‍तावित सुधारों में फॉरेन इन्‍वेस्‍टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की सीमा भी 3000 करोड़ से बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपए की गई है। अब एफआईपीबी 5000 करोड़ रुपए के एफडीआई प्रस्‍तावों को मंजूरी दे सकता है, इससे पहले यह सीमा 3000 करोड़ रुपए थी। इससे ज्‍यादा के एफडीआई प्रस्‍तावों पर केंद्रीय कैबिनेट विचार करती थी और मंजूरी देती थी। अब 5000 करोड़ रुपए से अधिक के एफडीआई प्रस्‍तावों पर ही कैबिनेट विचार करेगी।

अप्रैल-जून में 19.39 अरब डॉलर का एफडीआई

भारत में अप्रैल-जून 2015 तिमाही में 19.39 अरब डॉलर का एफडीआई आया है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 29.5 फीसदी ज्‍यादा है। सरकार ने देश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए रेलवे, मेडिकल डिवाइस, इंश्‍योरेंस, पेंशन, कंस्‍ट्रक्‍शन और डिफेंस जैसे सेक्‍टरों एफडीआई के लिए पहले ही खोल दिया है।

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