नई दिल्ली। भारत में ई-कॉमर्स सेक्टर की ग्रोथ डबल डिजिट में हो रही है। हालांकि कुल रिटेल बिक्री में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी बहुत कम है, बावजूद इसके ऑफलाइन वेंडर्स इसकी ग्रोथ से भयभीत हैं। नोमूरा ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि 2020 तक भारत के ई-कॉमर्स का बाजार बढ़कर 50 अरब डॉलर का होने की संभावना है, जो कि अभी 20 अरब डॉलर के आसपास है। इतने बड़े बाजार के लिए न केवल नए स्टार्टअप्स तैयार हो रहे हैं, बल्कि देश के बड़े औद्योगिक घराने भी अब ई-कॉमर्स के महत्व को पूरी तरह समझ चुके हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों की लिस्ट में जल्द ही टाटा और रिलायंस इंडस्ट्री का नाम भी शामिल होने जा रहा है। देश के दिग्गज उद्योगपतियों के ई-कॉमर्स सेगमेंट में आने से फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, शॉपक्लूज जैसे यंग स्टार्टअप्स को नई चुनौती का सामना करने के लिए नई रणनीति बनानी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के बड़े उद्योगपतियों का ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रवेश करना वास्तव में उनकी विविधीकरण की रणनीति का हिस्सा है और वह अपने पोर्टफोलियो में नए बिजनेस को जोड़ना चाहते हैं।
रिटेल सेल में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी होगी 11 फीसदी
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी रिटेल सेक्टर की कुल बिक्री में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी केवल 2 फीसदी है। हालांकि इसमें बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है और ऐसा अनुमान है कि 2019 तक कुल रिटेल बिक्री में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 11 फीसदी हो जाएगी। अब रिटेलर्स भी बेचेंगे ऑनलाइन प्रोडक्ट्स, अगले माह शुरू होगा ‘ई-लाला’ पोर्टल
नवंबर में आएगा टाटा का पोर्टल
108 अरब डॉलर वाले टाटा ग्रुप अगले माह नवंबर में अपना ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू करेगा। टाटा संस के ग्रुप एग्जीक्यूटिव काउंसिल में सदस्य निरमाल्या कुमार ने इसी हफ्ते मुंबई में आयोजित 2020 सीएमओ मास्टर्स सर्कल कार्यक्रम में कहा कि हम अपना ई-कॉमर्स वेंचर नवंबर में शुरू करेंगे और इसके लिए कंपनी ने 1000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है। टाटा ग्रुप का ई-कॉमर्स वेंचर एक ब्रांडेड मार्केट प्लेस होगा, जो कंपनी के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सेगमेंट को आपस में जोड़ेगा। यहां लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेगमेंट में टाटा और नॉन टाटा ब्रांड की बिक्री की जाएगी। Big Billion Sale से पहले समझ लीजिए क्या हैं एक Flipkart के मायने?
RIL की है अलग तैयारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज भी ई-कॉमर्स मार्केट में उतरने के लिए अक्रामक तैयारी में जुटी है। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जून 2015 की वार्षिक आम बैठक में कहा था कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक ई-कॉमर्स में प्रवेश करेंगे और कंपनी अपने साल के अंत तक 150,000 छोटे और मध्यम वेंडर्स को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो द्वारा आधुनिक इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाने के बाद ग्राहकों को ऑनलाइन शॉपिंग का एक अलग ही अनुभव मिलेगा। अंबानी का कहना है कि वह भारत के लिए एक भिन्न ई-कॉमर्स मॉडल बनाएंगे, जिसमें ग्राहकों को बेहतर अनुभव, बेहतर डिलीवरी सर्विस और सुरक्षित पेमेंट ईकोसिस्टम मिलेगा।
महिंद्रा ने लॉन्च किया m2all.com
16.9 अरब डॉलर वाले महिंद्रा ग्रुप ने हाल ही में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म m2all.com को लॉन्च किया है। ग्रुप सीएफओ वीएस पार्थसारथी का कहना है कि फ्लिपकार्ट और स्नैपडील से उनका पोर्टल बहुत भिन्न है। यहां वेंडर्स और स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) यहां अपने उत्पाद और सेवाओं की बिक्री भी कर सकेंगे।
आदित्य बिड़ला ग्रुप ने शुरू किया ऑनलाइन फैशन स्टोर
16 अक्टॅबर को कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला ग्रुप ने अपना ऑनलाइन फैशन स्टोर abof.com लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर आदित्य बिड़ला ग्रुप के ब्रांड के अलावा अन्य कंपनियों के ब्रांड भी बेचे जाएंगे।