नई दिल्ली। भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन मार्केट में चीन की अलीबाबा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब जापान की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी Rakuten ने भी भारत के ई-कॉमर्स बाजार में प्रवेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। जापान की यह कंपनी मोबाइल चैट एप्लीकेशन वाइबर की प्रमोटर भी है। Rakuten ने 2014 में बेंगलुरु में अपना डेवलपमेंट सेंटर खोला था और अब उसने वहां अपना बिजनेस ऑफिस शुरू किया है। सरकार द्वारा ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस मॉडल में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दिए जाने के बाद चीन की अलीबाबा और जापान की राकूटेन तेजी से इस सेक्टर में प्रवेश की तैयारी में जुट गई हैं।
इतना ही नहीं राकूटेन ने फ्लिपकार्ट और अमेजन के मिड-लेवल मैनेजर्स को भी अपने यहां भर्ती किया है। टोक्यो की इस कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि भारत एक तेजी से विकसित होता बाजार है और यहां टेलेंट की कोई कमी नहीं है। ग्रोथ के लिए हम हमेशा नए वैश्विक अवसरों को भुनाने के लिए तैयार हैं लेकिन अभी हम भारत के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। राकूटेन की बिक्री 5 अरब डॉलर सालाना की है और वह फाइनेंशियल सर्विसेस, डिजिटल कंटेंट और ट्रेवल बिजनेस में क्षेत्र में कार्यरत है।
राकूटेन ने यूएस में बाय डॉट कॉम, ईबेट्स इंक, वाइबर का अधिग्रहण किया है और लिफ्ट और पिनट्रेस्ट में भारी निवेश किया है। जापान के अलावा राकूटेन यूएस, यूके, ब्राजील, स्पैन, मलेशिया और इंडोनेशिया में भी काम कर रही है। गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2020 तक 68.8 अरब डॉलर का होने की उम्मीद है। राकूटेन का 60 फीसदी राजस्व विदेशों में स्थित बिजनेस से आता है। राकूटेन के पास दुनियाभर में 10351 कर्मचारी हैं। 2005 में राकूटेन ने जापान के बाहर विस्तार करना शुरू किया, इसके लिए उसने अधिग्रहण और ज्वांइट वेंचर्स का रास्ता अपनाया। इसने Buy.com(अमेरिका), Priceminister(फ्रांस), Ikeda(ब्राजील), Tradoria(डचलैंड), Play.com(यूके), Wuaki.tv(स्पैन) और Kobo Inc (कनाडा) का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने Ozon.ru, AHA Life और Daily Grommet में निवेश किया है।