नई दिल्ली। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानि ईटीएफ में निवेशकों ने 2019-20 में शुद्ध रूप से 1,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। इससे पिछले छह साल के दौरान निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से शुद्ध निकासी की थी। यानि पिछले 7 सालों के दौरान पहली बार वित्त वर्ष 2019-20 में ETF से जितना पैसा निकाला गया उससे ज्यादा पैसा ईटीएफ में निवेशकों ने लगाया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से निवेशक निवेश के सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सीनियर एनालिस्ट हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस से वैश्विक अर्थव्यवस्था और बाजारों को जोखिम को देखते हुए आगे चलकर इस सेग्मेंट में और निवेश देखने को मिल सकता है।
एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार गोल्ड फंड्स के एसेट अंडर मैनेजमेंट मार्च, 2020 के अंत तक 79 प्रतिशत बढ़कर 7,949 करोड़ रुपये पर पहुंच गए, जो मार्च, 2019 के अंत तक 4,447 करोड़ रुपये थीं। एम्फी के आंकड़ों के अनुसार हाल में समाप्त वित्त वर्ष में निवेशकों ने 14 गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 1,613 करोड़ रुपये का निवेश किया। 2018-19 में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 412 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। इससे पहले 2017-18 में गोल्ड ईटीएफ से 835 करोड़ रुपये , 2016-17 में 775 करोड़ रुपये, 2015-16 में 903 करोड़ रुपये, 2014-15 में 1,475 करोड़ रुपये और 2013-14 में 2,293 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी।