Key Highlights
- ग्लोबलाइजेशन ने जहां एक ओर देश की जीडीपी को ऊपर उठाया, वहीं दूसरी ओर मुट्ठी भर अमीर और करोड़ों गरीब के बीच की खाई को बढ़ाया।
- 2004 से 2015 के बीच अरबपतियों की संख्या 13 से बढ़कर 111 हो गई।
- कृषि आधारित परिवारों की संख्या 26 से बढ़कर 48.6 फीसदी हो गई। संपत्ति पर कर्ज का अनुपात 1.6 से बढ़कर 2.4 हो गया।
- 25 साल में ग्लोबलाइजेशन का निचोड़ यह है कि जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने की कीमत हमें बढ़ी हुई असमानता के तौर पर चुकानी पड़ी है।