इंदौर। नोटबंदी के 21 माह बीत जाने के बाद भी सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के 18,135 एटीएम को अभी भी नए नोटों के अनुरूप नहीं ढाला जा सका है। हालांकि, इस अवधि में बैंक ने 22.50 करोड़ रुपए की लागत से 41,386 एटीएम को नए नोटों के अनुरूप तैयार कर लिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में भारतीय स्टेट बैंक ने यह जवाब दिया है। गौड़ ने एसबीआई से पूछा था कि बैंक के कितने एटीएम अब तक 2000, 500 और 200 रुपए के नए नोटों के अनुरूप ढाले जा चुके हैं।
जवाब में एसबीआई ने बताया कि अब तक बैंक के 59,521 एटीएम में से 41,386 नकदी निकासी मशीनों को रीकैलिब्रेट कर लिया गया है और इस काम पर 22.50 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। एसबीआई के उत्तर से स्पष्ट है कि फिलहाल उसके 18,135 एटीएम ग्राहकों को नए नोट देने लायक नहीं बन सके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सिलसिलेवार तरीके से 2000, 500 और 200 रुपए के नए नोट जारी किए थे।