नई दिल्ली। प्याज अब ज्यादा दिनों तक नहीं रुलाएगा क्योंकि काबुल ने भारत से दोस्ती निभाते हुए देश में प्याज भेजना शुरू कर दिया है। देश की पश्चिमी सीमा से लगे सूबे पंजाब के विभिन्न शहरों में पिछले कुछ दिनों से अफगानी प्याज बिकने लगा है। व्यापारिक सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते देश में प्याज आने लगा है। एक सूत्र ने बताया कि अफगानिस्तान से जल्द ही 30-35 गाड़ी प्याज देश में आने वाला है जिसकी लोडिंग हो चुकी है। वहीं केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने 28 सितंबर से 5 नवंबर तक प्रतिदिन 100 टन प्याज की मांग की है, जो पूरी की जाएगी। इसके अलावा भी जिस राज्य को जितनी जरूरत होगी उतना प्याज मुहैया कराया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि भारत में प्याज के दाम में जोरदार इजाफा होने होने पर अफगानिस्तानी व्यापारी यहां के बाजारों में प्याज बेचने को उत्साहित हुए हैं और अगर, प्याज का भाव यहां 30 रुपए किलो भी रहेगा तो अफगानिस्तान से प्याज आता रहेगा। व्यापारिक सूत्रों ने बताया कि इस समय अमृतसर और लुधियाना में अफगानी प्याज 30-35 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
दिल्ली की आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि एक-दो दिन में दिल्ली की मंडियों में भी अफगानी प्याज की आमद शुरू हो जाएगी, जिससे प्याज की कीमतों में और गिरावट आएगी। उधर, कर्नाटक से प्याज की नई फसल की आवक दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को शुरू हो गई। कारोबारियों ने बताया कि कर्नाटक से पांच ट्रक (125 टन) नया प्याज आया है और आने वाले दिनों में नए प्याज की आवक और बढ़ सकती है।
आजादपुर मंडी में बुधवार को कई दिनों बाद प्याज का थोक भाव 40 रुपए से नीचे आया। व्यापारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में प्याज का थोक भाव 25-38 रुपए प्रति किलो हो गया है, जोकि पिछले सप्ताह 50 रुपए प्रति किलो हो गया था।
शर्मा ने बताया कि बुधवार को मंडी में 55 गाड़ी यानी 1,100 टन प्याज आया इसके अलावा एक दिन पहले का बचा हुआ 95 टन यानी 1900 टन प्याज बचा हुआ है। इस प्रकार, सप्लाई बढ़ने से कीमतों में करीब सात-आठ रुपए गिरावट आई है। फसलों के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, 2018-19 में प्याज का उत्पादन 343.85 लाख टन है, जोकि पिछले वर्ष के उत्पादन 232.82 लाख टन से ज्यादा है।