नई दिल्ली। भारतीय परिधान निर्यात उद्योग संगठन एईपीसी ने निजी सुरक्षा परिधान (पीपीई) किट के निर्यात पर लगी रोक हटाने का सरकार से रविवार को आग्रह किया। संगठन का कहना है कि अब इसका उत्पादन प्रति दिन आठ लाख यूनिट तक पहुंच गया है। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि वैश्विक पीपीई किट बाजार में घरेलू कंपनियों के लिये निर्यात के भारी अवसर मौजूद हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, "घरेलू निर्यातक पीपीई के लिये वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये तैयार हैं। पीपीई के वैश्विक निर्यात बाजार के अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से अधिक के हो जाने के अनुमान हैं। एईपीसी ने सरकार से पीपीई किट के निर्यात पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया है।" उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। उद्योग जगत ने देश भर में अपनी उत्पादन सुविधाओं को फिरे से तैयार करके पीपीई का निर्माण करने के लिये बड़ी उत्पादन सुविधाओं को शुरू किया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और अन्य देशों ने पीपीई निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया है और उन्हें भारी ऑर्डर मिल रहे हैं।
शक्तिवेल ने कहा, "हमें प्रतिस्पर्धी देशों से निर्यात बाजार खोने की आशंका है। पीपीई का उत्पादन देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त से अधिक है और इसे अब निर्यात के लिये खोला जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि इसके लिये अमेरिका और यूरोप सबसे बड़े संभावित खरीदार हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान को पिछले सप्ताह 10 करोड़ डॉलर के निर्यात के ऑर्डर मिले हैं, जो बढ़कर 50 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। इसी तरह, बांग्लादेश ने भी वैश्विक व्यापार में अपने काम को आक्रामक रूप से संरक्षित किया है। उन्होंने कहा, "हमें एक आकर्षक वैश्विक व्यापार के अवसर को नहीं खोना चाहिये और पीपीई निर्यात शुरू करना समय की आवश्यकता है। भारत को उन आर्थिक और राजनीतिक लाभ पर गौर करना चाहिये, जो इस समय पर पीपीई निर्यात करने से महामारी के बाद के समय में उत्पन्न होंगे।"