नयी दिल्ली। 15वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की यहां आज गुरुवार (13 फरवरी) को बैठक होगी। एक आधिकारिक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। आयोग की 2020-21 के लिये रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद उसकी सलाहकार परिषद की यह पहली बैठक होगी। 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
बैठक में आयोग के अन्य सदस्य ए एन झा, अशोक लहरी, रमेश चंद, अनूप सिंह और अरविंद मेहता भी शामिल होंगे। वक्तव्य में कहा गया है कि 2020-21 के लिये 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपे जाने के बाद केन्द्र सरकार ने रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को व्यापक तौर पर क्रियान्वित किया है और इस संबंध में संसद में की गई कार्यवाही रिपोर्ट पेश की है।
गौरतलब है कि वित्त आयोग को जो जिम्मेदारी दी गई है, उसके तहत विशेषकर उभरती आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आगामी 5 वर्षों के भावी परिदृश्य पर गंभीरतापूर्वक गौर करने की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर विचार‑विमर्श करने के लिए ही वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक में विचार‑विमर्श के दौरान कई अहम मुद्दों जैसे अर्थव्यवस्था, कर यानी टैक्स, जीडीपी पर गौर किए जाने की संभावना है।
विवाद से विश्वास योजना: सीबीडीटी आज करेगा लंबित टैक्स विवादों की समीक्षा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की आज यानी गुरुवार (13 फरवरी) को समीक्षा करेगा। बजट में आयकर विभाग और करदाताओं के बीच विवादित कर मामलों के निपटान के लिए बजट में प्रस्तावित योजना की घोषणा के तहत यह समीक्षा की जा रही है।
इस बीच, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020 में बदलाव को मंजूरी दे दी। इस बदलाव का उद्देश्य विधेयक का दायरा बढ़ाकर उन कर विवादों को भी इसके दायरे में लाना है जो विभिन्न कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) में लंबित हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिये प्रभारी सीबीडीटी सदस्य सभी क्षेत्रीय प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे। उसने कहा कि बातचीत के एजेंडे में उच्च न्यायालयों और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों (आईटीएटी) में लंबित मामलों की समीक्षा शामिल हैं। यह पहल विवाद से विश्वास योजना के तहत की जा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश बजट में प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना 'विवाद से विश्वास' की घोषणा की। योजना के तहत करदाताओं को विवादित लंबित कर के भुगतान का अवसर दिया गया है। योजना के तहत 31 मार्च 2020 से पहले बकाए कर का भुगतान करने वाले करदाताओं को ब्याज और जुर्माने से पूरी तरह छूट मिलेगी। इसके बाद योजना के तहत भुगतान करने पर बकाया कर देनदारी के साथ 10 प्रतिशत अतिरिक्त विवादित कर का भुगतान करना होगा।