मुंबई। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के एडवांस टैक्स भुगतान में परंपरागत बड़े टैक्सपेयर्स जैसे बैंक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को खुश करने में विफल रहे। स्टील एवं सीमेंट कंपनियों ने अपेक्षाकृत बेहतर टैक्स का भुगतान किया है। इससे टैक्स विभाग सालाना लक्ष्य को पूरा करने के लिए आशान्वित है। मुंबई के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त डी एस सक्सेना ने बताया कि प्रतिकूल कारोबार स्थिति तथा बैंक जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहने के बावजूद शहर से कर संग्रह बढ़ रहा है और आने वाले समय में इसमें और सुधार की संभावना है।
विभाग के सूत्रों ने बताया कि फंसे कर्ज में वृद्धि तथा प्रावधानों में वृद्धि से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दूसरी तिमाही के लिए केवल 1,200 करोड़ रुपए एडवांस टैक्स का भुगतान किया, जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में दिए गए 1,620 करोड़ रुपए के मुकाबले 26 फीसदी कम है। इसी प्रकार, आईसीआईसीआई बैंक ने भी 1,200 करोड़ रुपए टैक्स का भुगतान किया, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही के 1,500 करोड़ रुपए के मुकाबले 20 फीसदी कम है।
वहीं दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए 2,667 करोड़ रुपए टैक्स का भुगतान किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में दिए गए 2,108 करोड़ रुपए की तुलना में 27 फीसदी अधिक है। सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टीसीएस ने दूसरी तिमाही के लिए एडवांस टैक्स के रूप में 1,550 करोड़ रुपए का भुगतान किया, जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही के 1,750 करोड़ रुपए के मुकाबले 11 फीसदी कम है। एचडीएफसी बैंक तथा यस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। एचडीएफसी ने दूसरी तिमाही में 2,400 करोड़ रुपए का टैक्स दिया, जो पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की इसी तिमाही में दिए गए 2,000 करोड़ रुपए की तुलना में 20 फीसदी अधिक है। यस बैंक ने आलोच्य अवधि के लिए 435 करोड़ रुपए टैक्स दिया, जो 40 फीसदी अधिक है। विदेशी बैंक सिटी बैंक ने दूसरी तिमाही में 700 करोड़ रुपए का टैक्स दिया, जो पिछले साल के 720 करोड़ रुपए के मुकाबले तीन फीसदी कम है।
टाटा स्टील ने 250 करोड़ रुपए का भुगतान किया, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही से दोगुना है। अल्ट्राटेक सीमेंट ने 180 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स दिया, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में 20 फीसदी अधिक है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस साल दूसरी तिमाही में 200 करोड़ रुपए टैक्स का भुगतान किया, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही में दिए गए 180 करोड़ रुपए के मुकाबले 11 फीसदी अधिक है। तेल कंपनियों में आईओसी ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए 1,275 करोड़ रुपए एडवांस टैक्स दिया, जो पिछले साल की इसी तिमाही में दिए गए 785 करोड़ रुपए से करीब 62 फीसदी अधिक है।