वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) के लागू होने से मीडियम टर्म में देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। बहुपक्षीय संगठन ने यह भी कहा है कि भारत ने सुधारों के मोर्चे पर प्रगति दिखाई है और इससे व्यापार निवेश में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
आईएमएफ ने एशिया प्रशांत क्षेत्रीय आर्थिक स्थिति पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, भारत का 2016 में सुधारों की दिशा में मजबूत कदम स्वागत योग्य है और यह जारी रहना चाहिए। जीएसटी के क्रियान्वयन से मध्यम अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर में मजबूती तय है।
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आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है
- रोजगार सृजन और वृद्धि को गति देने के लिहाज से श्रम बाजार में लचीलापन और उत्पाद बाजार में प्रतिस्पर्धा अनिवार्य बना हुआ है।
- प्राथमिकताओं में नई कंपनी कर्ज पुनर्गठन प्रणाली का प्रभावी क्रियान्वयन शामिल है।
- भारत ने सुधारों के मामले में जो प्रगति दिखायी है, उससे व्यापार निवेश में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
- पुन: घरेलू मांग को मजबूती मिलेगी।
- मध्यम अवधि में कई एशियाई अर्थव्यवस्थाएं आबादी संबंधी लाभ से फायदे में रहेंगी।
- भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में कामकाजी वर्ग की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- इससे मजबूत वृद्धि को बनाने रखने में मदद मिलेगी।
- भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2016-17 और 2017-18 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- यह विश्व आर्थिक परिदृश्य के अप्रैल 2016 के मुकाबले 0.1 प्रतिशत अधिक है।
- मौजूदा वृद्धि में सुधार बना रहेगा जिसे निजी खपत से मजबूती मिलेगी।
- सामान्य वर्षा से कृषि को लाभ होगा और इसके साथ सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि से घरेलू मांग में वृद्धि जारी रहेगी।