नयी दिल्ली। सरकार और उद्योग को साइबर हमलों को रोकने के लिए किसी संगठन के नेटवर्क से जुड़े उपकरणों को मान्यता देने को लेकर बहुत कड़ाई के साथ सत्यापन समेत बेहतर गतिविधियों को अपनाने की आवश्यकता है। नीति आयोग के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मामलों के वरिष्ठ सलाहकार नीरज सिन्हा ने मंगलवार को यह बात कही।
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उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर उत्पादित प्रौद्योगिकी उत्पादों को तरजीह दी जानी चाहिए और घरेलू कंपनियों को स्वयं को उस स्तर पर ले जाने की जरूरत है, जो बहुराष्ट्रीय कंपनियां उपलब्ध कराती हैं। सिन्हा ने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के साइबर सुरक्षा पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमें संगठन के नेटवर्क में प्रत्येक उपकरण को मान्यता देने से पहले बेहद कड़ाई के साथ सत्यापन की रणनीति अपनानी होगी। साथ ही सूचना प्रणाली तक पहुंच को लेकर भी पहचान, नजर रखने की जरूरत होगी।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘संगठन के भीतर बैठकें आम बात है। विभिन्न संगठनों के बीच भी बैठके हो रही हैं। ऐसे में हमें उपकरण पंजीकरण और सॉफ्वेयर अद्यतन को लेकर स्वचालित व्यवस्था तथा खतरे का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण का लाभ उठाने की आवश्यकता है।’’ सिन्हा ने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर जो बेहतर गतिविधियां हैं, वह व्यापक स्तर पर अभ्यास की तरह हैं जिसे सरकार और उद्योग दोनों को बड़े पैमाने पर करने की आवश्यकता है।