नई दिल्ली। 41 अरब डॉलर वाले कारोबारी समूह आदित्य बिड़ला ग्रुप ने अपने आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (ABIPBL) को बंद करने की घोषणा की है। बैंक ने अपने ग्राहकों से खाते में जमा धन को 26 जुलाई तक निकालने या किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा है। बीएसई को दी सूचना में वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि कारोबार में अप्रत्याशित कारणों से इसका आर्थिक मॉडल अलाभकारी हो गया है, इस वजह से हमने अपने पेमेंट बैंक कारोबार को बंद करने का निर्णय लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2015 में आइडिया समेत कुल 11 प्रमुख कंपनियों को पेमेंट्स बैंक स्थापित करने के लिए लाइंसेस प्रदान किया था। इससे पहले इनमें से चार कंपनियां पहले ही अपने बैंकों को बंद कर चुकी हैं। ये कंपनियां हैं टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस कंपनी, आईडीएफसी बैंक और टेलीनोर फाइनेंशियल सर्विसेस। अब इस लिस्ट में आदित्य बिड़ला का आइडिया पेमेंट्स बैंक का नाम भी जुड़ गया है।
आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने 22 फरवरी 2018 में अपना परिचालन शुरू किया था और 17 महीने बाद ही कंपनी ने इसे बंद करने की घोषणा कर दी। सूत्रों के मुताबिक आइडिया पेमेंट्स बैंक के पास लगभग 200 कर्मचारी हैं और इनमें से अधिकांश को समूह की अन्य कंपनियों में स्थानांतरित किया जाएगा। आदित्य बिड़ला पेमेंट्स बैंक के पास कुल 20 करोड़ रुपए जमा है।
पेमेंट्स बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। ग्राहकों को अपना धन निकालने या ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। आदित्य बिड़ला पेमेंट्स बैंक ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड द्वारा समर्थित है, जिसमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और वोडाफोन आइडिया की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 24 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। अधिकांश कंपनियों को पेमेंट्स बैंक संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने केवाईसी प्रक्रिया के जरिये नए ग्राहकों के अधिग्रहण का आरबीआई द्वारा ऑडिट के कारण अपने परिचालन को अस्थाई तौर पर रोकना पड़ा था, हालांकि आरबीआई की मंजूरी के बाद उसने अपना परिचालन फिर से शुरू कर दिया है।
पेमेंट्स बैंक लगातार दूसरे साल घाटे में हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में पेमेंट्स बैंकों का कुल घाटा 516.5 करोड़ रुपए था। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक इंटरव्यू में कहा है कि पेमेंट्स बैंक ने दो-तीन साल पहले ही अपना परिचालन शुरू किया है, इसलिए यह एक नई परिकल्पना है, यह एक नया मॉडल है। हमनें इसके लिए एक नियामकीय तंत्र बनाया है और एक सिस्टम तैयार किया है। इस समय, पेमेंट्स बैंक मॉडल में बदलाव करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन इनका अध्ययन कर रहे हैं और यह देख रहे हैं कि यह कैसे काम कर रहे हैं। यहां कुछ पेमेंट्स बैंक है जो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
एयरटेल पेमेंट्स बैंक, जिसे हाल ही में अपनी पैरेंट कंपनी भारतीय एयरटेल और भारती एंटरप्राइजेज से 325 करोड़ रुपए की ताजा पूंजी हासिल हुई है, शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद फिनो पेमेंट्स बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक का स्थान है।
पेमेंट्स बैंकों को कर्ज देने की गतिविधियों में शामिल होने से रोका गया है। वह ग्राहकों से 1 लाख रुपए तक का जमा हासिल कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने कहा है कि दिसंबर 2018 तक पेमेंट्स बैंकों के पास कुल जमा राशि 940 करोड़ रुपए थी।