नई दिल्ली। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक का बैकिंग नियमन अधिनियम के तहत बैंकिंग कंपनी का दर्जा समाप्त हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को इस बारे में जानकारी दी। पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने कहा था कि आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक के स्वैच्छिक तौर पर कारोबार समाप्त करने के आवेदन के बाद यह परिसमापन की दिशा में बढेगा। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘ बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के तहत आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक अब बैंकिेग कंपनी के रूप में समाप्त हो गयी है। यह व्यवस्था 28 जुलाई 2020 से प्रभाव में आ गयी है।’’
पिछले साल जुलाई में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने शेयर बाजार को आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक का परिचालन बंद करने की सूचना दी थी। इसकी वजह कंपनी के कारोबार का अनिश्चित परिस्थितियों का शिकार होना बतायी गयी जिसने उसके आर्थिक मॉडल को अव्यवहारिक बना दिया। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक को अप्रैल 2017 में रिजर्व बैंक से बैंकिेग कंपनी के तौर पर काम करने का लाइसेंस मिला था। इसने 22 फरवरी 2018 को अपना परिचालन शुरू किया था। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक में ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 51 प्रतिशत और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक से पहले पेमेंट बैंक सेग्मेंट से 4 खिलाड़ियों ने अपना काम समेट लिया था। जिसमें टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इनवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, आईडीएफसी बैंक कंसोर्शियम और टेलनॉर फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल है। फरवरी 2018 में जब आदित्य बिड़ला पेमेंट बैंक ने काम शुरू किया था तो उससे पहले 3 और पेमेंट बैंक सेवाएं दे रहे थे। अगस्त 2015 में रिजर्व बैंक ने 11 कंपनियों को पेमेंट बैंक खोलने का लाइसेंस दिया था