नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने सदस्य विकासशील देशों को कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध कराने के लिए 2.03 करोड़ डॉलर आवंटित किए हैं। एडीबी ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वैक्सीन का वितरण समानता वाला तथा प्रभावी तरीके से हो। एडीबी के विकासशील सदस्यों को यह कोष वैक्सीन से संबंधित स्वास्थ्य प्रणाली के आकलन और इसे लोगों तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाने की तैयारियों के लिए उपलब्ध होगा।
एडीबी के महानिदेशक (सतत विकास एवं जलवायु परिवर्तन विभाग) वूचांग उम ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र ने काफी हद तक कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए अच्छा काम किया है। अब इसके टीके को सुरक्षित, दक्ष, समानता वाले तरीके से उपलब्ध कराना इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अगला मोर्चा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी सहयोग के जरिये नवोन्मेषी शीत श्रृंखला और वैक्सीन की निगरानी करने वाली प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
कोवैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण शुरू
भारत बायोटेक के कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो गया है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने सोमवार को यह जानकारी दी। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए एला ने कहा कि कंपनी कोविड-19 के लिए एक और वैक्सीन पर काम कर रही है। यह नाक के जरिये दी जाने वाली ड्रॉप के रूप में होगी। यह वैक्सीन अगले साल तक तैयार हो जाएगी।
एला ने कहा कि हमने कोविड-19 के टीके के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ भागीदारी की है। इस टीके का तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक दुनिया की एकमात्र टीका कंपनी है जिसके पास जैव सुरक्षा स्तर-3 (बीएसएल3) उत्पादन सुविधा है। पिछले महीने कंपनी ने कहा था कि उसने पहले और दूसरे चरण के परीक्षण का अंतरिम विश्लेषण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और वह 26,000 भागीदारों पर तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करने जा रही है।
भारत बायोटेक कोवैक्सीन का विकास आईसीएमआर-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ भागीदारी में कर रही है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने दो अक्टूबर को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए अनुमति मांगी थी। एला ने कहा कि हम एक और वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। यह नाक के जरिये दी जाने वाली ड्रॉप के रूप में होगी। मुझे लगता है कि अगले साल तक हम यह वैक्सीन आबादी को उपलब्ध करा पाएंगे।
बीई के कोविड-19 के टीके का पहले और दूसरे चरण का परीक्षण शुरू
बायोलॉजिकल ई. लि (बीई) ने अपने कोविड-19 के टीके के कैंडिडेट का पहले और दूसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है। हैदराबाद की टीका एवं फार्मा कंपनी बीई को इसके लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की मंजूरी मिल गई है। यह घोषणा संयुक्त रूप से बीई, अमेरिका की जैव फार्मास्युटिकल कंपनी डायनावेक्स टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन और बेलर कॉलेज आफ मेडिसन ने की।
बीई की प्रबंध निदेशक महिमा दत्ता ने कहा कि हम अपने संभावित वैक्सीन कैंडिडेट के क्लिनिकल परीक्षण और कोविड-19 के रोग निदान के एक और संभावित विकल्प को लेकर काफी खुश हैं। कंपनी ने कहा है कि क्लिनिकल परीक्ष्ण के नतीजे फरवरी, 2021 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है।