मेलबर्न। भारतीय खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अडाणी को ऑस्ट्रेलिया में उसकी प्रस्तावित 21.7 अरब डॉलर की विवादास्पद कोयला खनन परियोजना के तहत स्थानीय सरकार ने उत्खनन के तीन पट्टों की मंजूरी दे दी है। लेकिन अडाणी समूह ने कहा है कि वह इनमें निवेश का पक्का निर्णय तभी लेगी जबकि इस विशाल परियोजना के खिलाफ राजनीति प्रेरित कानूनी चुनौतियों का समाधान हो जाएगा। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी खान परियोजनाओं में एक है।
मीडिया में कहा गया है कि क्वींसलैंड के प्राकृतिक संसाधन एवं खान मंत्री एंटनी लिनहैम ने 70,441 कारमाइकल, 70,505 कारमाइकल पूर्व और 70,506 कारमाइकल उत्तर के लिए व्यक्तिगत लीज आवंटित कर दी है। इनमें 11 अरब टन का तापीय कोयला भंडार होने का अनुमान है। राज्य की प्रधानमंत्री अन्नास्टाशिया पलाज्सजुक ने कहा कि यह इस मंजूरी के लिए सरकारी और सामुदायिक स्तर पर गहन जांच की गई है। यह क्षेत्र में रोजगार संरक्षण के लिए एक आगे का कदम है। उन्होंने कहा कि निर्माण के चरण में 5,000 और परिचालन के दौरान 4,000 से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
एंटनी लिनहैम ने कहा, मैं जानती हूं कि उत्तर और मध्य क्वींसलैंड के लोग संभावित नौकरियों और आर्थिक विकास की दिशा में इस ताजा प्रगति का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कड़ी शर्तें जारी रहेंगी। साथ ही भूमि मालिकों, परंपरागत स्वामियों और ग्रेट बैरियर रीफ के हितों का भी संरक्षण किया जाएगा। कंपनी की एक विग्यप्ति में कहा गया है कि वह मंजूरियों के मामले में सुनिश्चितता चाहता है। उसके हो जाने पर वह दूसरे स्तर की मंजूरियां मिलने पर ध्यान करेगी और उसका लक्ष्य इस परियोजना में 2017 तक निर्माणकार्य शुरू कर देना है। यही कारण है कि कंपनी निवेश के विषय में अंतिम निर्णय करने से पहले दूसरे स्तर की मंजूरियों और राजनीति प्रेरित कानूनी चुनौतियों के समाधान पर ध्यान केंद्रित किये हुए है।